अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ विधानसभा सत्र, दो दिन में पास हुए 14 विधेयक
Uttarakhand Assembly Session : उत्तराखंड विधानसभा का सत्र महज दो दिन में ही स्थगित हो गया। सभी विधाई काम निपटाने के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी ने सत्र स्थगित किए जाने की घोषणा की। दो दिन की अवधि में सरकार ने महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयकों के साथ ही कुल 14 विधेयक पास कराए।
इन 14 विधेयकों को बिना किसी चर्चा, बहस के करीब सवा घंटे की अवधि में पास करा लिया गया। दो दिन में सदन की कार्यवाही 13 घंटे 47 मिनट चली। दूसरे दिन ही सत्र स्थगित किए जाने पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सात दिन का सत्र दो दिन में समाप्त होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि सत्र पूरे समय चलता तो तमाम विषयों पर सार्थक चर्चा होती मगर सरकार मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और रानीखेत से विधायक करन माहरा ने सरकार पर समय से पहले मैदान छोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की कार्य संचालन समिति ने सत्र चलाने के लिए एक वर्ष में कम से कम 60 दिन निर्धारित की थी, लेकिन इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष में 15 से 18 दिन सत्र बमुश्किल चल पाता है।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सत्र दो दिन में स्थगित करने के निर्णय को सही करार देते हुए कहा कि बगैर बिजनेस के सत्र को लंबा खींचना जनता के धन की बर्बादी है।
उन्होंने कहा कि दो दिन में ही सभी विधाई कार्य निपटा लिए गए थे, ऐसे में सत्र को लंबा खींचने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि सत्र और सदन करदाताओं के पैसे से चलता है और बगैर बिजनेस सत्र चलाना जनता के साथ बेईमानी है।
दो दिन तक चले सत्र के दौरान विपक्ष ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, भर्ती घोटाला और गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की भर्तियों में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विपक्षी विधायकों ने सदन में हंगामा करने के साथ ही सांकेतिक वॉकआउट भी किया।
ये विधेयक हुए पारित
1 – उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिक आरक्षण) विधेयक।
2 – उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक।
3 – उत्तराखंड विनियोग (2022-23 का अनुपूरक) विधेयक।
4 – बंगाल, आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक अनुबंध) विधेयक।
5 – उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) संशोधन विधेयक।
6 – पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक।
7 – भारतीय स्टांप उत्तराखंड संशोधन विधेयक।
8 – उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक।
9 – उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध संशोधन विधेयक
10 – उत्तराखंड जिला योजना समिति संशोधन विधेयक।
11 – पंचायती राज संशोधन विधेयक।
12 – हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक।
13 – उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन व विकास संशोधन विधेयक।
14 – उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) संशोधन विधेयक।
दो विधेयक हुए वापस
1 – उत्तराखंड पंचायतीराज द्वितीय संशोधन विधेयक।
2 – कारखाना उत्तराखंड संशोधन विधेयक।