उत्तराखंडदेहरादून

अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतरी Uttarakhand आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं

प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत के लिए कई महीनों से समय मांगने के बाद भी आज तक कोई भी समय नहीं मिला है। जिसके कारण आज संगठन ने परेशान व आक्रोशित होकर रैली के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए मजबूर हो गए है।

Uttarakhand आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की नीतियों को प्रदेश के दूर- दरस्थ इलाकों तक पहुचाती है लेकिन आज यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड की प्रदेश स्तरीय बैठक में पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं व उन समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर विभागीय मंत्री और विभागीय अधिकारियों को अनेकों बार अवगत कराया है, परन्तु आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों की समस्याओं के निदान पर कोई भी ठोस प्रगति नहीं हुई है।

महीनों से नहीं मिली सीएम से मिलने की इजाजत

प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंटवार्ता हेतु कई महीनों से समय मांग के उपरांत भी आज तक कोई भी समय न मिलने के कारण आज संगठन परेशान व आक्रोशित होकर देहरादून(dehradun) रैली के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत कराने को मजबूर हुआ है । 

आंगनबाड़ी महिलाओं की सरकार से कुछ मांगों में शामिल है-

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय न्यूनतम मजदूरी के तहत ₹18000/= किया जाए तथा प्रत्येक वर्ष सीनियरिटी के आधार पर मानदेय बढ़ोतरी और सीनियरिटी के आधार पर ही सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति करने की व्यवस्था निर्मित की जाए।
  • विभाग  द्वारा सालों तक किराया न मिलने के कारण कोई भी मकान मालिक अपना भवन किराए पर नहीं देता है। जिस कारण मजबूरी में आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों को अपने घर पर ही केंद्र को रखना पड़ता है। प्रत्येक माह आंगनबाड़ी का किराया भवन स्वामी के खाते में डाला जाए जिससे वह भवन किराए पर ले सके।
  • साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पदोन्नति के क्रम में, उसी केंद्र की सहायिका को प्रथम वरीयता प्रदान की जाए।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति होने में बहुत विलंब हो चुका है। जिसकी वजह से कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तो सेवानिवृत भी हो चुकी है। इसलिए विभाग बिना और समय गंवाये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सुपरवाइजर में शीघ्र पदोन्नति  करे।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अच्छी क्वालिटी का नया फोन दिया जाए जिससे कि सभी उसमें अच्छे से कार्य कर सकें।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को साड़ी की जगह पर एक एप्रैन जैसा कोट दिया जाए। जिससे कि वह उसे केवल कार्य के वक्त पहन कर अपना काम कर सके।

प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत के लिए कई महीनों से समय मांगने के बाद भी आज तक कोई भी समय नहीं मिला है। जिसके कारण आज संगठन ने परेशान व आक्रोशित होकर रैली के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए मजबूर हो गए है।

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