उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस को राजनीती में बड़ी चुनौती देने के रूप में खड़ी आप पार्टी को लोकसभा से कुछ समय पहले ही एक बड़ा झटका लग गया है। उत्तराखंड आप पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत कई सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है जिससे राज्य में आप पार्टी की मजबूती कमजोर होती दिख रही है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर आप पार्टी भी भाजपा-कांग्रेस को चुनौती देने का दावा कर रही है लेकिन इस सामूहिक इस्तीफे से पार्टी की नींव कमजोर होती दिखाई दे रही है।
इन्होनें दिया इस्तीफ़ा:
संगठन के रैवये से नाखुश होकर आप के उत्तराखंड समन्वयक जोत सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता आरपी रतूड़ी, कमलेश रमन समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया है।
लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र पार्टी गंभीर नहीं: जोत सिंह बिष्ट
पार्टी और प्रदेश समन्वयक की जिम्मेदारी छोड़ने वाले जोत सिंह बिष्ट ने पार्टी आलाकमान पर संगठन के प्रति उपेक्षा का आरोप लगते हुए कहा कि तीन माह से पार्टी की सभी इकाइयां भंग चल रही हैं। और इसी लापरवाही के चलते प्रदेशभर में करीब 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी है।
साथ ही उन्होंने कहा कि आप के उत्तराखंड प्रभारी बरिंदर कुमार गोयल और सह प्रभारी रोहित महरोलिया को पद संभाले हुए 10 माह हो चुके हैं और उनकी तरफ से संगठन को मजबूत करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव सिर पर होने के बाद भी पार्टी के भीतर कोई हलचल नजर नहीं आ रही।
उठा सकते है बड़ा कदम:
वहीं जोत सिंह बिष्ट ने एक बड़े कदम की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप पार्टी को छोड़ने वाले उत्तराखंड के तमाम पदाधिकारी सोमवार को बड़ा कदम उठा सकते हैं। अगले कदम के लिए पार्टी छोड़ने वाले सभी कार्यकर्ता सोमवार को मंत्रणा करेंगे।
जिसके बाद आगे के कदम के बारे में निर्णय लिया जाएगा। किसी पार्टी के साथ जुड़ने के सवाल पर जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके सम्मुख सभी विकल्प खुले हैं। जो भी पार्टी सम्मान के साथ प्रस्ताव देगी, उस पर विचार किया जाएगा।
4 यात्री उतर रहे हैं तो 500 यात्री ट्रेन मे चढ रहे हैं: प्रदेश सह प्रभारी
सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे के बाद प्रदेश सह प्रभारी आप उत्तराखंड रोहित मैहरोलिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान समय मे आम आदमी पार्टी एक विशाल ट्रेन का स्वरूप ले चुकी है। जो अपने गंतव्य की ओर तेज गति से बढ रही है। रास्ते में पड़ रहे छोटे-बडे स्टेशन पर यदि 04 यात्री उतर रहे हैं तो 500 यात्री ट्रेन मे चढ रहे हैं।
उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से पार्टी में अपने हित साधने को लेकर संबंधित लोगों द्वारा अपनी मनमानी करने का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था। हमारे संज्ञान मे था कि उक्त सभी लोग दूसरे राजनीतिक दलों के संपर्क में भी चल रहे थे।