उत्तराखंडदेहरादून

केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री ने की प्रदेश में संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में क्लस्टर आधारित अवधारणा को अपनाने से पंचायतें कम लागत में अधिक कार्य करा सकती हैं।

देहरादून।   केन्द्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री  कपिल मोरेश्वर पाटिल द्वारा बुधवार को राजपुर रोड स्थित होटल में उत्तराखण्ड में पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मंत्रालय द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी। उन्होंने अपने संबोधन में विभिन्न राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का उदाहरण देते हुए उत्तराखण्ड में मॉडल ग्राम पंचायत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में क्लस्टर आधारित अवधारणा को अपनाने से पंचायतें कम लागत में अधिक कार्य करा सकती हैं। पंचायत विकास सूचकांक को मंत्रालय की विशिष्ट उपलब्धि बताते हुए कहा कि पंचायत विकास सूचकांक ग्राम पंचायत के दर्पण के रूप में कार्य करेगा जिससे वह अपनी स्थिति का आंकलन कर सकेंगे। साथ ही ग्राम पंचायत अन्तर्गत विभिन्न विभाग भी अपने लक्ष्यों एवं उनकी पूर्ति के सम्बन्ध में अपना आंकलन कर सकेंगे।
बैठक में सचिव पंचायतीराज  हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री को राज्य में संचालित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, 15वाँ वित्त आयोग, ग्राम पंचायत विकास योजना, ई-ग्राम स्वराज, पंचायत विकास सूचकांक, स्वामित्व योजना आदि समस्त योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी गयी। अवगत कराया गया कि 15वें वित्त के टाईड फण्ड द्वारा पंचायतों में जल भंडारण क्षमता बढ़ाने एवं ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में प्राकृतिक धारों एवं नौलों का जीर्णोद्धार, पेयजल पम्पिंग योजना, कुँओं का पुनर्रोद्धार, हैण्ड पम्प, वॉटर कूलर आदि लगाये जा रहे हैं। साथ ही, सभी पंचायतों में कूड़ा पृथक्करण केन्द्र बनाये गये हैं। क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से पंचायतों द्वारा संग्रहित प्लास्टिक अपशिष्ट एंव अन्य अजैविक कूड़े को विकास खण्ड स्तर पर जिला पंचायतों द्वारा स्थापित कॉम्पेक्टरों तक पहुँचाया जा रहा है।
15वें वित्त आयोग के अनटाईड फण्ड राज्य वित्त आयोग एवं स्वयं के राजस्व स्रोतों (व्ैत्) के अभिसरण से विभिन्न कार्य जैसे कि बारात घर निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत, पुस्तकालय स्थापना, सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना आदि कार्य कराये जा रहे हैं। सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के क्रम में विभिन्न 9 थीमों की प्राप्ति हेतु अभिनव प्रयोग करते हुए कई पंचायतों द्वारा कम लागत तथा बिना लागत के कार्य भी कराये जा रहे हैं। स्वामित्व योजना का कार्य समस्त लक्षित ग्रामों में पूर्ण किया जा चुका है। पंचायत विकास सूचकांक के संदर्भ में राज्य एवं जनपद स्तर पर तैयारी कर ली गयी है। ई ग्राम स्वराज के अन्तर्गत सभी पंचायतें ऑनबोर्ड हो गयी हैं। सभी पंचायतों द्वारा ऑनलाईन माध्यम से ही भुगतान किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के सम्बन्ध में मा0 मंत्री जी को अवगत कराया गया कि वर्षाकाल में अपेक्षित प्रगति प्राप्त नहीं की जा सकी है, आगामी माहों में विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए समुचित प्रगति प्राप्त की जा सकेगी।
बैठक में ग्राम्य विकास विभाग की ओर से मुख्य विकास अधिकारी  झरना कमठान द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। अवगत कराया गया कि राज्य में ग्राम्य विकास विभाग की मनरेगा योजना अंतर्गत लक्ष्य से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया। इन्हें आजीविका से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त मेरा गाँव मेरी सडक, नर्सरी स्थापना, आजीविका पैकेज मॉडल आदि योजनाऐं भी संचालित हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लक्ष्य फरवरी, 2024 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। प्रस्तुतिकरण में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना, मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना, मिलेट बेकरी, ग्रोथ सेंटर्स, बैंक सखी, डिजि सखी आदि नवोन्मेषी योजनाओं के विषय में भी अवगत कराया गया।
बैठक में अपर सचिव पंचायतीराज  आलोक कुमार पाण्डेय, निदेशक पंचायतीराज  निधि यादव, मुख्य विकास अधिकारी सहित पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नियोजन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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