समान नागरिक संहिता : धामी सरकार ने छह महीने बढ़ाया कमेटी का कार्यकाल

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून (Uniform Civil Code) का प्रारूप तय करने के लिए बनाई गई कमेटी का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। कमेटी का कार्यकाल बीती 28 नवंबर को समाप्त हो गया था, जिसके बाद सरकार ने इसे अगले छह महीने तक के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया है।

अब इस कमेटी का कार्यकाल 27 मई 2023 तक होगा। जानकारी के मुताबिक अभी तक कमेटी को अलग-अलग माध्यमों से ढाई लाख से ज्यादा सुझाव प्राप्‍त हो चुके हैं।

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मई 2022 में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित इस समिति में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज, जस्टिस प्रमोद कोहली प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ बतौर सदस्य शामिल हैं।

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मई 2022 में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।

समिति ने अब तक अलग-अलग वर्गों के लोगों के साथ कई दौर की बैठकें करने के साथ ही आम जनता से भी संवाद किया है।

समिति ने प्रस्तावित कानून के संबंध में आम जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसके लिए एक वेबसाइट भी लांच की गई है।

जानकारी के मुताबिक सुझावों को संकलित करने के बाद कमेटी द्वारा प्रस्तावित कानून की ड्राफ्टिंग का काम पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कानून बनाने का वादा किया था। सत्ता में वापसी के बाद उन्होंने इस वादे को अमली जामा पहनाने का काम किया।

सीएम धामी के ऐलान के बाद गुजरात और अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कानून बनाने की बात कही है।

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