Underwater Metro: कोलकाता और रेल का इतिहास, ठीक 39 पहले भी हुआ था कुछ खास
आज कोलकाता ने रेल के क्षेत्र में नया इतिहास रचा है। देश में पहली अंडरवाटर मेट्रो की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया है। आज से 39 साल पहले भी कोलकाता में रेल के क्षेत्र में कुछ ऐसी ही नवीन पहल हुई थी।
Underwater Metro: आप सभी ने जमीन के ऊपर और जमीन के नीचे मेट्रो चलते हुए देखी होगी। लेकिन क्या आपने नदी के नीचे मेट्रो चलती हुई कभी देखी है? कोलकाता मेट्रो(kolkata metro) ने लंबे सर्वे के बाद यह कमाल कर दिखाया है। देश में पहली बार कोई मेट्रो पानी के नीचे रफ्तार के साथ आज दौड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल का दौरा किया जिसमें उन्होंने सबसे पहले कोलकाता(underwater metro) अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया है। पश्चिम बंगाल के बाद पीएम अब बिहार का दौरा करेंगे।
कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो की हुई शुरुआत
देश में पहली अंडरवाटर मेट्रो की शुरुआत हो गई है। मेट्रो टनल कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी है। यह टनल 16.6 किलोमीटर लंबी है। अंडरवाटर मेट्रो, हुगली नदी के तल से 32 किलोमीटर नीचे चलेगी। यह मेट्रो हावड़ा को कोलकाता शहर से जोड़ेगी। आगे जानिए क्या-क्या होगा देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो में खास
यह मेट्रो टनल इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है। 4.8 किलोमीटर लंबी हावड़ा मैदान- एस्प्लेनेड मेट्रो खंड देश की पहली ऐसी मेट्रो परियोजना हैं, जिसमें हुगली के नीचे दो टनल तैयार की गई है। नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। परिचालन शुरू होने के बाद हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी बन जाएगा।
- हुगली नदी के अंदर की 520 मीटर यानी कि आधा किलोमीटर की दूरी को मेट्रो ट्रेन महज 45 सेकंड में पूरी कर लेगी।
- इस मेट्रो में ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन(ATO) सिस्टम लगा है यानी मोटरमैन के बटन दबाते ही ट्रेन खुद अगले स्टेशन के लिए मूव करेगी।
- मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी।
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन के कोच में बेहतरीन ग्रैब हैंडल और हैंडल लूप के साथ-साथ एंटी-स्किड फर्श और अग्निशामक यंत्र भी उसमें रहेंगे।
- आपातकालीन स्थिति में यात्री टॉक टू ड्राइवर यूनिट के माध्यम से मोटरमैन के साथ बातचीत भी कर सकेंगे।
- सभी कोच की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी रहेंगे। प्रत्येक कोच में हाई क्लास सुविधाएं होगी।
- हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जाने में केवल छह मिनट का समय लगेगा।
- कुल 16 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
- पानी के भीतर से गुजरने वाली मेट्रो गंगा की सहायक नदी हुगली के नीचे तलहटी से 13 मीटर नीचे से गुजरेगी। दोनों टनल समानांतर बनाए गए हैं।
ठीक 39 पहले भी हुआ था कुछ खास
आपको बता दें कि देश की पहली मेट्रो भी कोलकाता में ही शुरू की गई थी। कोलकाता मेट्रो सर्विस भारत में सबसे पुरानी और पहली मेट्रो सर्विस है, जिसकी शुरुआत साल 1984 में हुई थी। आइये आपको देश की सबसे पुरानी मेट्रो ट्रेन सर्विस के बारे में विस्तार से बताते हैं।भारत में सबसे पुरानी मेट्रो रेल के तौर पर कोलकाता मेट्रो को जाना जाता है। इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर 1984 को कोलकाता में हुई। हालांकि, इसकी रूपरेखा 13 साल पहले यानी 1971 में तैयार की गई।1 जून 1972 को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई और इसी साल 29 दिसंबर को मेट्रो रेलवे, कोलकाता की आधारशिला रखी गई।12 साल के लंबे इंतजार के बाद 24 अक्टूबर 1984 को भारत की प्रथम मेट्रो के रूप में मेट्रो रेलवे कोलकाता का शुभारंभ हुआ था।