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शहादत को नमन: किसी की थी शादी, किसी के घर आने का था इंतज़ार…..

बुधवार को जम्मू के पूंछ में सेना के वाहनों पर हुए आंतकी हमले पर शहीद हुए जवानों के घरों में मातम पसरा हुआ है। परिजनों के घर सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है।

जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के बफलियाज इलाके में आंतकियों द्वारा किये हमले में पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार (29) और चमोली जिले के बमियाला गांव के वीरेंद्र सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। बृहस्पतिवार की रात जैसे ही सैन्य अधिकारियों द्वारा यह ख़बर परिजनों को दी तो सभी बेहसुध हो गए। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रखा है।

शहीद हुए जवान राइफलमैन गौतम कुमार की तैनाती 89 आर्म्ड कोर में थी। गौतम ने 15 दिन की छुट्टी के बाद पिछले शनिवार को ही ड्यूटी ज्वाइन की थी। 11 मार्च को उनकी शादी होने वाली थी, बीती 30 सितम्बर को ही उनकी सगाई हुई थी और परिजन इसकी तैयारी में लगे थे। शहीद गौतम के पिता का निधन दो साल पहले हो गया था। उनकी माता घर संभालती है। गौतम चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। घर के छोटे बेटे की शादी को लेकर पूरा घर खुशियों से भरा हुआ था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। शहीद गौतम का पार्थिव शरीर शनिवार को कोटद्वार पहुंचेगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी।

शहीद हुए दूसरे जवान वीरेंद्र सिंह 15 गढ़वाल राइफल में नायक के पद पर तैनात थे। शहीद वीरेंद्र सिंह ने अपने माता-पिता से जनवरी में घर आने का वादा किया था। गांव के ही निवासी दलबीर सिंह ने बताया कि वीरेंद्र एक साल पहले घर आये थे। वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे। वीरेंद्र भी दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे थे। घर आने की ख़बर से उनके परिजन काफी खुश थे लेकिन बेटे की शहादत की खबर सुन कर पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। आस पास के लोग उनके घर सांत्वना देने पहुंच रहे है। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी।

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