पिता को किडनी देकर बेटी ने जीता सबका दिल
बेटियां सबके मुकद्दर में कहाँ होती है, घर जो खुदा को पसंद आए, बेटियां वहां होती है। बात हो रही है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य की, अभी तक तो आप राजनीती में सक्रियता के चलते लालू प्रसाद यादव के सिर्फ 2 बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव के बारे में ही जानते रहे हैं, लेकिन आज बात करेंगे उनकी छोटी बेटी रोहिणी अर्चार्य के बारे में।
दरअसल रोहिणी ने कुछ ऐसा किया है, जिसके बाद विपक्ष सहित पूरी दुनिया उन्हें सलाम कर रही है। लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे पिता लालू यादव को जब किडनी की ज़रूरत पड़ी तब ! पिता की चिंता में बेटी रोहिणी ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अपना कदम आगे बढ़ाया, और बेटियों के दिल में पिता के प्रति प्यार और लगाव की मिसाल पेश की।
कहा जाता है कि वो लोग किस्मत वाले होते हैं, जिन्हें बेटियां नसीब होतीं हैं। शायद इसीलिए हमारी संस्कृति में बेटियों को ऊंचा दर्जा हासिल है। बच्चे के पैदा होने के बाद से ही माँ बाप अपने बच्चों के प्रति हर फर्ज निभाते हैं, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि बच्चे भी बड़े होकर अपना फर्ज और अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
जब रोहिणी को इस बात कका पता चला की उनके पिता की तबियत को लेकर डॉक्टर ने कह दिया कि किडनी ट्रांसप्लांट के सिवाए कोई दूसरा रास्ता नहीं है, तो वो बेहिचक पापा लालू यादव के लिए किडनी देने को तैयार हो गई। क्यूंकि उसको चिंता थी, तो सिर्फ इस बात की, कि उनके पिता किसी भी कीमत पर जल्दी ठीक हो जाएं।
जिसके बाद सिंगापुर में लालू यादव का यह ऑपरेशन हुआ। रोहिणी के इस कदम से यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि बेटियों का किसी के जीवन में क्या महत्व होता है।रोहिणी द्वारा उठाए गए इस कदम ने ये साबित कर दिया है, कि बेटियां एक साथ कई रिश्तों को निभाती हैं। खास कर के अगर रिश्ता बाप बेटी का हो तो।
क्यूंकि एक बेटी को अपने पापा की चिंता बिल्कुल वैसी ही होती है, जब वो कहा करती है, कि मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं। क्योंकि, पापा तो सिर्फ खिलौने लाते हैं, मगर शाम तो पापा को लाती है। रोहिणी जैसी न जाने ऐसी कितनी बेटियां हैं, जो अपने पिता की सलामती के लिए किसी भी कठिनाई को मात दे सकती हैं, उन सभी बेटियों को हमारा सलाम।