रंग ला रहा 12 वीं छात्रा का स्टार्टअप, हर महीने हो रही हजारों की कमाई
कहते हैं कामयाबी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। कामयाबी के लिए उम्र नहीं, हुनर और हौसला चाहिए, और यदि सच में हौसले बुलंद हो, तो सफलता खुद आपके कदम चूमने के लिए दरवाजे पर दस्तक देती है। हुनर और हौसले की बदौलत उत्तराखंड की एक छात्रा ने सफलता की ऐसी इबारत लिखी है, जिसे जान कर हर कोई उसे सलाम कर रहा है।
12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा प्रिंसी वर्मा ने स्वरोजगार का बेहतरीन मॉडल खड़ा किया है। जिसके जरिए उसने न केवल कम उम्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि 11 अन्य लोगों के लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया है। देहरादून जिले के सेलाकुई स्थित चोई बस्ती निवासी प्रिंसी ने स्वरोजगार की राह अपनाते हुए घर पर ही सेनेटरी नैपकिन बनाने की यूनिट शुरु की, और कठिन मेहनत की बदौलत अच्छा खासा कारोबार खड़ा कर दिया।
इस सफलता के पीछे प्रिंसी की कड़ी मेहनत तो है ही, साथ ही उसके परिजनों का सहयोग भी उसके लिए बड़ा संबल प्रदान करने वाला रहा। प्रिंसी का कहना है कि सफलता का स्वाद चखने से पहले उसे कठिन हालातों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उसने अपना हौसला बनाए रखा और मेहनत जारी रखी। प्रिंसी कहती हैं कि उन्होंने स्वरोजगार शुरू करने के लिए लोन के लिए अप्लाई किया था।
लेकिन पहली बार में उनका लोन पास नहीं हो सका। इसके बाद भी उन्होंने कोशिश जारी रखी, जिसके बाद उन्हें लोन मिल गया। लोन मिलने के बाद प्रिंसी ने घर पर ही सेनेटरी नैपकिन बनाने का काम शुरू किया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरुआत में प्रिंसी ने सैनिटरी नैपकिन बनाकर खुद ही इसकी मार्केटिंग की।
काम बढ़ने पर उन्होंने अन्य लोगों को भी अपने साथ लिया। आज उनके कारोबार से 11 लोगों के रोजगार का रास्ता खुल गया है। प्रिंसी का कहना है कि वे अपने सेनेटरी पैड के इस रोजगार को बड़ा ब्रांड बनाना चाहती हैं। इसके लिए प्रिंसी जम कर मेहनत कर रही हैं।