बाबा भोलेनाथ तक पहुंचना हुआ आसान, ऋषिकेश-नीलकंठ रोप-वे को हरी झंडी

देहरादून-  ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक जाने में अब श्रद्धालुओं को मिनटों का समय लगेगा। उत्तराखंड मेट्रो रेल अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (यूकेएमआरसी) की बोर्ड बैठक में ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे निर्माण पर मुहर लग गई है। अब प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेज दिया गया है। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण शुरू होगा। दरअसल, ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव के बीच का सफर खासा मुश्किल है। यहां हर साल होने वाली भारी भीड़ की वजह से लगातार रोप-वे निर्माण की मांग उठती आई है। यूकेएमआरसी के पास रोप-वे निर्माण की जिम्मेदारी है। कारपोरेशन ने हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में ऋषिकेश-नीलकंठ रोप-वे का प्रस्ताव पास कर दिया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। आपको बता दें कि यूकेएमआरसी की ओर से जो प्रस्ताव पास किया गया है, उसके तहत रोप-वे की कुल दूरी 5.5 किलोमीटर की होगी। इसमें बीच में दो पड़ाव आएंगे। एक आईएसबीटी और दूसरा त्रिवेणी घाट। घाट से सीधे नीलकंठ तक का सफर होगा।

 

साथ ही बताते चलें कि हरकी पैड़ी से चंडी देवी तक बनने वाले करीब सवा दो किलोमीटर रोप-वे की टेंडर प्रक्रिया अटक गई है। इस रोप-वे के लिए सिंचाई विभाग की कुछ जमीन की जरूरत थी। इसके लिए कारपोरेशन ने सिंचाई विभाग को पत्र भेजा था। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की ओर से अभी हरी झंडी नहीं मिल पाई है। यह करीब 150 करोड़ का प्रोजेक्ट है। चंडी देवी जाने के लिए 740 मीटर का एक रोपवे पहले से भी है। देहरादून में मेट्रो नियो के संचालन के प्रस्ताव का भी पहला पड़ाव पार हो गया है। जो डीपीआर केंद्रीय मंत्रालय को भेजी गई थी, उसका थर्ड पार्टी रिव्यू पूरा होने के बाद उससे जुड़े सवालों के जवाब सरकार दे चुकी है। इसके बाद मंत्रालय ने नियो मेट्रो को लेकर कुछ सवाल पूछे थे, जिनका जवाब शासन स्तर से मंत्रालय को भेजा जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल के आखिर तक देहरादून मेट्रो नियो को भी मंत्रालय से हरी झंडी मिल जाएगी।

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