ग्यारवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ के शीतकालीन कपाट बन्द ।

रुद्रप्रयाग। ग्यारवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान के कपाट आज भैया दूज के पवित्र मौके पर सुबह 8:30 बजे केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पूजा अर्चना के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच कपाट बंद किए।सुबह 4 बजे से ही कपाट बंद होने की पूजा पद्धति शुरू की गई ।अगले 6 महीने शीतकाल में केदारनाथ की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी

इससे पहले भगवान की समाधि पूजा की गई। अब छह महीने शीतकाल में केदारनाथ की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी। सेना के बैंडों की मधुर धुनों के बीच हजारों भक्तों ने बाबा केदार के जयकारों के साथ डोली यात्रा को लेकर गौरीकुंड के लिए प्रस्थान किया। डोली पैदल यात्रा के प्रथम दिन आज रामपुर पहुंचेगी। जबकि इसके बाद गुप्तकाशी और फिर ऊखीमठ पहुंचेगी जहां बाबा की उत्सव डोली को मंदिर में विराजमान किया जाएगा।रुद्रप्रयाग। भैया दूज के पवित्र मौके पर सुबह 8:30 बजे भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पूजा अर्चना के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच कपाट बंद किए।

छह महीने शीतकाल में केदारनाथ की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी

इससे पहले भगवान की समाधि पूजा की गई। अब छह महीने शीतकाल में केदारनाथ की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी। सेना के बैंडों की मधुर धुनों के बीच हजारों भक्तों ने बाबा केदार के जयकारों के साथ डोली यात्रा को लेकर गौरीकुंड के लिए प्रस्थान किया। डोली पैदल यात्रा के प्रथम दिन आज रामपुर पहुंचेगी। जबकि इसके बाद गुप्तकाशी और फिर ऊखीमठ पहुंचेगी जहां बाबा की उत्सव डोली को मंदिर में विराजमान किया जाएगा।

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