भारी वर्षा के कारण हिमांचल-पंजाब को जोड़ने वाला पुल ध्वस्त: 90 वर्ष पुराना था पुल
हिमांचल प्रदेश के शिमला में भारी वर्षा से अंग्रेजों द्वारा बनाया गया प्राचीन चक्की रेलवे पुल टूटकर ध्वस्त हो गया। ये पुल हिमांचल प्रदेश से पंजाब को जोड़ता था | इस पुल की कुल लम्बाई 800 मीटर थी जो अब पूरी तरह ध्वस्त होकर नदी में गिर गया है | पुल के मलबे में तब्दील होने से पठानकोट और जोगिंद्र नगर के बीच ट्रेन सेवा बंद रहेगी, साल 1928 में नैरो गेज रेल लाइन अंग्रेजों ने शुरू की थी, इस रेल लाइन से रोजाना अब तक 7 ट्रेनें गुज़रती थी।
पुल के ध्वस्त होने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है । जिस समय पुल टूटा उस समय पुल से यातायात और आवाजाही बंद थी, क्योंकि इस पुल से ट्रेनें भी गुज़रती हैं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
इस पुल के आस-पास बसे सैकड़ो गांवों के लिए ये पुल वरदान सा था क्योंकि आस-पास के गांवों के लिए कोई परिवहन सेवा नहीं है। पुल के ध्वस्त होने से लोगों को शहर और किसी सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए पैदल यात्रा तय करनी पड़ेगी साथ ही पुल के दोबारा बनने तक लोगों को रोज़मर्रा की जरूरत की चीज़ों के लिए लोगों को अब खासी समस्या का सामना करना पड़ेगा।