स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत के माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से की भेंट

ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने भारत के माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी से वाइस प्रेसिडेंट्स हाउस, नई दिल्ली में भेंटवार्ता की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी से भेंट कर परमार्थ निकेतन अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की स्मृतियाँ पुनः ताजा हो गयीं। दोनों विभूतियों ने उस पर चर्चा भी की। परमार्थ निकेतन गंगा तट पर मनाये गये उत्तराखंड के आफिशियल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के विषय में भी चर्चा की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि नीलकंठ पर्वत पर कावड़ लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये जल चढ़ाओ और जल बचाओ’ योजना को शुरू करना होगा। अब समय आ गया कि हम शिवालय से जलाशय की यात्रा की शुरूआत करें। जलाशय होंगे तो ही शिवालयों में जल अर्पित किया जा सकता हैं. माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी ने स्वामी जी के मार्गदर्शन में वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो के लिये अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्र्रतिवर्ष जैसे-जैसे भारत में जल संकट की गंभीरता बढ़ रही है, केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियांँ जल संकट से निपटने के लिये तरह-तरह के संसाधनों का इस्तेमाल कर रही हैं परन्तु अब समय आ गया है आस्था आधारित संगठन आगे आयें और जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु मिलकर कार्य करें। भारत में विश्व की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन विश्व के ताजे जल के भंडार का केवल 4 प्रतिशत ही है और भारत वर्तमान में एक गंभीर जल चुनौती का सामना कर रहा है। इसके अलावा भारत के जलाशयों की कुल क्षमता 250 बिलियन क्यूबिक मीटर है, जबकि सतह पर इसकी कुल जल धारण क्षमता लगभग 320 क्यूबिक मीटर है। स्वामी जी ने माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी को रूद्राक्ष का पौधा और अंगवस्त्र भेंट कर परमार्थ निकेतन गंगा जी की आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।

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