Article 370 : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर में राज्य बहाली की समय सीमा मांगी
सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले 12 दिनों से सुनवाई जारी है ।
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी पार्टियों के उग्र विरोध के बीच अनुच्छेद 370 को हटा दिया और जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने पर अपने आलोचकों को आश्वासन दिया था कि “स्थिति सामान्य होने पर” जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में अब जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले 12 दिनों से सुनवाई जारी है । भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की संविधान पीठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है ।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए “समयसीमा” मांगी और साथ ही क्षेत्र में लोकतंत्र की बहाली के महत्व पर भी जोर दिया।
Article 370 | ‘Restoration Of Democracy Important’ : Supreme Court Asks Centre When Jammu & Kashmir’s Statehood Will Be Restored [Day 12] @padmaaa_shr #SupremeCourtofIndia #Article370 #JammuAndKashmir https://t.co/ROGi3rqhsv
— Live Law (@LiveLawIndia) August 29, 2023
संविधान पीठ ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप किसी राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में बदल सकते हैं? क्या किसी राज्य से अलग होकर केंद्रशासित प्रदेश बनाया जा सकता है?
सोमवार को केंद्र सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति अस्थायी है और इसका राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
मेहता ने अदालत को बताया था कि गृह मंत्री ने सदन में कहा है कि यह एक अस्थायी उपाय है। अंततः, जम्मू-कश्मीर एक राज्य बन जाएगा, । मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।