रियासत टिहरी के भारत भारत संघ में विलय पर आधारित नाटक ‘मुखजात्रा’ का सफल मंचन

आज़ादी के अमृत महोत्सव के मौक़े पर नाटक ‘मुखजात्रा’ का मंचन, टिहरी जनक्रान्ति का एक अनूठा उदाहरण है। मोलू भरदारी और नागेन्द्र सकलानी की 3 दिनों तक चली शवयात्रा में उमड़े हज़ारों लोगों ने एक इतिहास रचा और रियासत टिहरी का भारत संघ में विलय करवा दिया । वस्तुतः यह इतिहास का एक ऐसा दुर्लभतम घटनाक्रम है जिसकी मिसाल ज्ञात इतिहास में नहीं है। स्वतंत्रा सेनानी चंद्रसिंह गढ़वाली, त्रेपन सिंह नेगी, देवीदत्त तिवारी, दादा दौलतराम, त्रिलोकीनाथ पुरवार आदि के नेतृत्व में यह शवयात्रा 12 जनवरी 1948 को कीर्तिनगर से तीन दिनों तक अनवरत चलती रही, रास्ते में हज़ारों लोग इस शवयात्रा से जुड़ते चले गए, मार्ग में पड़ने वाले पुलिस थाने/ चौकियों ने शवयात्रा के आगे आत्मसमर्पण कर दिया और इसके रियासत की राजधानी टिहरी पहुंचने पर राजा की फौज ने भी हथियार डाल दिए।

Raja Sudarshan ShahRaja Sudarshan Shah

डॉ. सुनील कैंथोला उस घटनाक्रम के वास्तविक तथ्यों के संकलन एवं शोध पर आधारित कृति ‘मुखजात्रा’ को एक प्रस्तुति परक कार्यशाला के अंतर्गत तैयार किया गया। जिसका आलेख, परिकल्पना एवं निर्देशन नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के स्नातकोत्तर, डॉ. सुवर्ण रावत ने किया है। 26 नवंबर, शनिवार को दून घाटी की वातायन नाट्य संस्था द्वारा जुगमन्दर प्रेक्षागृह, टाउन हॉल, देहरादून में नाटक ‘मुखजात्रा’ का तीसरा सफ़ल मंचन हुआ। इससे पूर्व अखिल गढ़वाल सभा के सहयोग से पहला प्रदर्शन ‘भोर का तारा’ स्कूल में एवं दूसरा प्रदर्शन हज़ारों दर्शकों के सामने कौथिग-2022 के खुले मैदान में किया गया। जिसको देखकर दर्शक आज के सफ़ल मंचन की तरह भाव-विभोर हो गए थे। शनिवार 26 नवंबर के आयोजन का श्रीगणेश देहरादून नगर निगम के महापौर सुनील उनियाल गामा ने दीप प्रज्वलित कर के किया।

वरिष्ठ रंकर्मियों में दादा दौलतराम की भूमिका में गजेंद्र वर्मा, वसुंधरा व गंगा की भूमिकाओं में सुषमा बड़थ्वाल, दीवान चक्रधर जुयाल के क़िरदार में प्रदीप घिल्ड्याल, बड़े गुरुजी में सुनील कैंथोला, चन्द्र सिंह गढ़वाली के क़िरदार में हरीश भट्ट, गुरुजी व गींदाडु में दिनेश बौड़ाई, कर्नल जगदीश डोभाल में वीरेंद्र गुप्ता प्रशंसनीय रहे हैं। अन्य कलाकारों में महावीर रंवाल्टा, सोनिया नौटियाल गैरोला, वाग्मिता स्वरुप, सुमित वेदवाल, केतन प्रकाश, शुभम बहुगुणा, अंशुमन चौहान, नाओमी थॉमस, गिरिजा चौहान, विनीता, पदम राजपूत, अरुण कपूर आदि ने अपनी अलग-अलग भूमिकाओं के साथ न्याय किया है।

पार्श्व के मंच तकनीक व शिल्प को लेकर मंच निर्माण व सज्जा-सुरक्षा रावत, संगीत व ध्वनि प्रभाव-अमित वी कपूर, प्रकाश-टी.के.अग्रवाल,
मंच सामग्री संकलन-मंजुल मयंक मिश्रा, मंच सामग्री निर्माण- कंचन राही, रूप सज्जा-नवनीत गैरोला, संगीत संयोजन-चन्द्र दत्त सुयाल,वेशभूषा में कीर्ति भंडारी,
मंच व्यस्थापक- वाग्मिता स्वरूप, नृत्य संयोजन- सुरजीत दास, वीडियो प्रोजेक्शन-अभिनव गोयल आदि का सहयोग रहा। मुखजात्रा का चौथा प्रदर्शन आज रविवार 27 नवंबर को नगर निगम प्रेक्षागृह होगा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button