उत्तराखंड

श्रीनगर: नहीं थम रहे गुलदार हमले, 11 वर्षीय बच्चे को बनाया निवाला

श्रीनगर के ग्वाड़ गांव में गुलदार ने एक 11 वर्षीय बच्चे को निवाला बना दिया। बच्चे की चीख पुकार जब परिजनों ने देखा तो गुलदार के हमले से बच्चे की मौत हो चुकी थी।

उत्तराखंड में लगातार बढ़ते गुलदारों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे है। गुलदारों को पकड़ने में वन विभाग की टीम के भी सभी पैंतरे विफल होते दिख रहे है। आए दिन गुलदार मासूमों को अपना निवाला बना रहे है। गुलदारों के बढ़ते आतंक पर ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति रोष व्यक्त किया है। वही अब एक बार फिर एक मासूम गुलदार का निवाला बन गया और सब फिर से बेबस होकर बस देखते ही रह गए।

विकासखंड खिर्सू के अंतर्गत ग्वाड़ गांव में गुलदार ने एक 11 वर्षीय बच्चे को निवाला बना दिया। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक बीते शनिवार को सांय सवा सात बजे के करीब घर के पीछे बनी गौशाला में 11 वर्षीय अंकित सिंह रावत पुत्र राकेश सिंह रावत अपने दोस्तों के साथ कंचा खेल रहा था। जैसे ही अंकित कंचे की तलाश में गौशाला से आगे के लिए निकला तभी घात लगाये गुलदार ने हमला कर बुरी तरह से लहुलुहान कर दिया। बच्चे की चीखने के आवाज सुनते ही परिजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। जिसके बाद गुलदार उसे छोड़कर भाग गया। घायल अवस्था में नाबालिग को सीएचसी खिर्सू ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने बच्चों की गंभीर हालत को देखते हाई सेंटर रेफर किया। श्रीनगर पहुंचने पर बेस चिकित्सालय के डाक्टरों ने नाबालिक मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद से मासूम की मां बेसूद अवस्था पड़ी है। वह अपने बेटे की याद पर सिसक-सिसक कर रो रही है। दो भाईयों में अंकित सबसे छोटा था। अंकित के पिता राकेश सिंह रावत को इसकी सूचना दे दी है। घटना के बाद से तो वहीं गांव में दहशत के साथ मातम पसर गया है। इससे पहले भी बीते 6 सितम्बर 2023 को खिर्सू के ढिकवालगांव में दिनदहाड़े गुलदार दादी की गोदी में बैठी चार साल की मासूम को छीनकर अपना निवाला बना लिया था।

श्रीनगर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सतवीर सिंह बिष्ट ने बताया कि मसूम के पिता चढ़ीगढ़ में होटल में कार्य करते है। परिजनों के सहमती के बाद ही शव का पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जायेगी। वहीं वन विभाग की एसडीओ लक्की शाह ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बच्चे के पेट में गुलदार के नाखूनों के निशान हैं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सही कारण का पता चल सकेगा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button