उत्तराखंड: कोट भ्रामरी मंदिर से जुड़े कुछ विशेष तथ्य, पढ़ें पूरी खबर
बागेश्वर। कोट भ्रामरी मंदिर उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित एक बेहद खूबसूरत मंदिर है यह मंदिर चंद्रशेखर बड़सीला (गरुड़) नामक क्षेत्र पर स्थित है। कोट भ्रामरी मंदिर माँ नंदा-सुनंदा और भ्रामरी माँ का एक प्रसिद्द मंदिर है जहां हजारों की संख्या में भक्त देवी माँ के दर्शन करने आते है। कहा जाता है कि कोट भ्रामरी मंदिर में प्राचीनकाल से ही कत्यूरियों की कुलदेवी भ्रामरी और चंदों की कुलदेवी माँ नंदा की सामूहिक रूप से पूजा की जाती है। कोट भ्रामरी मंदिर का निर्माण कत्यूरी राजाओं के द्वारा करवाया गया था कत्यूरी शासकों ने कत्यूर घाटी के कई स्थानों पर किले बनवाएं थे। ऊँची पहाड़ियों में स्थित इन किलों में ही कोट भ्रामरी मंदिर स्थापित किया गया है।
कहा जाता है कि 2500 वर्ष ईसा पूर्व जब उत्तराखंड में कत्यूरी राजाओं और यहाँ की प्रजा पर एक दैत्य ने आक्रमण कर दिया था तब कत्यूरी राजाओं ने प्रजा और अपनी रक्षा के लिए उस दैत्य को हराने के लिए माँ भगवती से अपनी विजय के लिए विधि-विधान से पूजा की थी। जिसके बाद माँ भगवती भंवरे के रूप में प्रकट हुई और दैत्य का वध कर दिया। मैया की इस कृपा को देख कत्यूरीयों ने माँ की भँवरे के रूप में पूजा करना आरम्भ कर दिया और आज भी यहाँ माता भगवती की भंवरे के रूप में पूजा की जाती है।
बागेश्वर की ऊँची पहाड़ियों में स्थित कोट भ्रामरी मंदिर बैजनाथ मंदिर से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ प्रति वर्ष चैत्र मास के शुक्ल अष्टमी को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जहाँ माँ नंदा देवी और भ्रामरी माँ की पूजा अर्चना संपन्न की जाती है।