संस्कृत भाषा में श्लोक भारद्वाज ने लिखा रैप, इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराकर बढ़ाया देश का मान

आज दुनिया करीब 6,900 भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। लेकिन इन भाषाओं की जननी संस्कृत भाषा ही कहीं लुप्त हो चुकी है। संस्कृत भाषा को आज के समय में पढ़ना और लिखना दोनों ही कठिन माना जाता है। ऐसे में उसी भाषा को बढ़ाने के लिए काशीपुर के एक रैपर ने संस्कृत भाषा में रैप गाकर एक नया इतिहास कायम कर दिया है।

कहते हैं न कि अगर हौसले बुलंद हो तो दुनिया में कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे हालिस न किया जा सके। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है काशीपुर के शगुन उर्फ श्लोक भारद्वाज ने। जिस भाषा को पढ़ने और लिखने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं, उसी संस्कृत भाषा में उन्होंने एक रैप सॉन्ग बनाकर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराकर देश का गौरव बढ़ाया है। श्लोक भारद्वाज के नाम कई खिताब हैं। पहले भी श्लोक ने देश में पहला ऐसा रैप सॉन्ग गाया था, जिसमें हर शब्द की शुरुआत ‘बा’ शब्द से ही हुई। जिसे गाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का खिताब अपने नाम कर लिया था। और अब संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के प्रयास ने फिर एक और रिकॉर्ड उनके नाम कर दिया है। श्लोक भारद्वाज के पिता का 2012 में निधन हो गया था। ऐसे में परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। परिवार चलाने के लिए वो दिन में नौकरी करते और रात में अपने सिंगर बनने का सपना पूरा करने के लिए मेहनत। कई बार घर की स्थितियों ने उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश की। लेकिन उनके मजबूत इरादों ने उनको टूटने नहीं दिया। आज उनकी इस उपलब्धि से उनकी मां भी खुद को गौरवानवित महसूस कर रही है। संस्कृत भाषा को लेकर पीएम मोदी भी अपने कार्यक्रम मन की बात में चिंता जाहिर कर चूके हैं। तो कई ऐसे और भी गायक हैं, जो इस भाषा के प्रचार प्रसार केलिए जी जान से लगे हैं। ऐसी परिस्थितियों में श्लोक जैसे गायकों का हौसला बढ़ाने की जरुरुत है। जिससे हमारी संस्कृत भाषा एक बार फिर अपने पहले जैसे अस्तित्व में आ सके।

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