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साईं सुप्रजा ने अपनी “भरतनाट्यम अरंगेत्रम” सेरेमनी में बांधा समा, गीता धामी दिखी मंत्रमुग्ध

शनिवार शाम को राजधानी देहरादून के हिमालयन कल्चरल सेंटर , निम्बुवाला, गढ़ी कैंट में भरतनाट्यम कलाकार साईं सुप्रजा की अरंगेत्रम सेरेमनी हुई। इस सेरेमनी में अपनी गुरु सी.के. राजलक्ष्मी का धन्यवाद करते साईं सुप्रजा ने अपने मनमोहक भरतनाट्यम शास्त्रीय नृत्य की मुद्राओं से सभी का मन मोह लिया ।

शनिवार शाम को राजधानी देहरादून के हिमालयन कल्चरल सेंटर , निम्बुवाला, गढ़ी कैंट में भरतनाट्यम कलाकार साईं सुप्रजा की अरंगेत्रम सेरेमनी हुई। इस सेरेमनी में अपनी गुरु सी.के. राजलक्ष्मी का धन्यवाद करते साईं सुप्रजा ने अपने मनमोहक भरतनाट्यम शास्त्रीय नृत्य की मुद्राओं से सभी का मन मोह लिया । इस मौके उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धर्मपत्नी गीता धामी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की । गीता धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की । गीता धामी ने अपने सम्बोधन में कहा की इस पीड़ी के युवाओ का रुझान हालांकि पाश्चात्य नृत्य (पश्चिमी नृत्य) की ओर बढ़ रहा है किन्तु हमें अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए ।

साईं सुप्रजा ने अपनी पहली परफॉर्मेंस पुष्पांजलि के बाद गणेश वंदना शुरू की और उसके बाद नट्टई, श्रीरंजिनी, भैरवी, बिलाहारी सहित तमाम रागों में नृत्य प्रस्तुतियां दी। उनका साथ गायन में विनोद कुमार, मृदंग में रंजन पी.वि., वायलिन में आनंदु लाल मुख्ताला और बांसुरी में ए कृष्णन ने दिया ।

अरंगेत्रम तमिल भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब है भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत के साधक का पहला स्टेज प्रदर्शन । इस सेरेमनी का आयोजन तब किया जाता है, जब कोई स्टूडेंट्स भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत से जुड़ी ट्रेनिंग को पूरा कर लेता है।

साईं सुप्रजा ने भरतनाट्यम शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से करुणा, भय, वीर, रौद्र, आदि रस पेश करके अपनी मुद्राओं से दर्शक दीर्घा में बैठे सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । साईं सुप्रजा देहरादून के सेंट जोसेफ अकादमी की कक्षा 11 की छात्रा और उत्तराखंड के सचिव मुख्यमंत्री, आर. मीनाक्षी सुंदरम की सुपुत्री है । कार्यक्रम के अंत में साईं सुप्रजा द्वारा सभी उपस्थित गणों को “वोट ऑफ थैंक्स:” दिया गया।

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