धर्म-संस्कृति

भारत के इस हिस्से में है Saas Bahu Temple, इतिहास जानकर हो जाएंगे हैरान

हमारे देश भारत के हर भाग में किसी न किसी देवी-देवता का मंदिर मौजूद है। आप सभी ने विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर के बारे में सुना होगा लेकिन आज आप इस खबर में पढ़ेंगे एक ऐसे मंदिर के बारे में जो सास-बहू के रिश्ते पर समर्पित है।

Saas Bahu Temple: भारत में विभिन्न परंपराओं और समुदाय के लोग रहते है। इस विभिन्नता के कारण दुनियाभर में भारत(mysterious india) की अलग और नई पहचान बनी हुई है। देश में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर(india temples) बने हुए है। इन सभी मंदिरों के बारे में ज्यादातर सभी लोग जानते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सास-बहू के मंदिर के बारे में आज से पहले सुना था? अगर नहीं, तो आइए जानते है भारत में मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में जो सास-बहू के रिश्ते पर समर्पित है।

सास-बहू के रिश्ते के बारे में सभी लोगों को पता है। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हें सास-बहू के रिश्ते पर बने मंदिर के बारे में पता होगा। ऐतिहासिक विरासतों के लिए मशहूर राज्य राजस्थान के उदयपुर में एक ऐसा मंदिर है जिसको सास बहू टेंपल के नाम से जाना जाता है।

राजस्थान के उदयपुर में मौजूद मंदिर

ऐतिहासिक राज्य राजस्थान(rajasthan temples) में बहुत से महत्वपूर्ण किले, इमारतें और धार्मिक स्थल है। ऐसे ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक सहस्त्रबाहु मंदिर भी है, जिसको सास बहू मंदिर के नाम से ज्यादा जाना जाता है। 

राजा महिपाल ने बनवाया था मंदिर

इतिहास में मौजूद जानकारी के अनुसार कच्छवाहा राजवंश के राजा महिपाल ने यह मंदिर बनवाया था। इसका निर्माण 10वीं या 11वीं शताब्दी ईस्वी में हुआ था। यह मंदिर उदयपुर से 23 किमी दूर नागदा गांव में स्थित है।

मंदिर से जुड़ा इतिहास

प्राचीन समय से मिली जानकारी के अनुसार कच्छवाहा राजवंश के राजा महिपाल और रत्नपाल ने अपनी पत्नी और बहू के लिए यह मंदिर बनवाया था। राजा महिपाल की रानी भगवान विष्णु की भक्त थी। इष्ट देवता के प्रति अपनी रानी का लगाव देखते हुए राजा महिपाल ने यहां भगवान विष्णु का मंदिर बनवाया था। विवाह के कुछ समय बाद ही रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया था। जिसका नाम उन्होंने रत्नपाल रखा था।

राजा और रानी के अपने बेटे रत्नपाल को बहुत लाड़ प्यार से पाला था। जब रत्नपाल की उम्र विवाह योग्य हुई तब उनका धूमधाम से विवाह करवा दिया गया था।  रत्नपाल का जिस रानी से विवाह हुआ था वह भगवान शिव की बड़ी भक्त थी। अपनी रानी का भक्ति भाव देखते हुए राजा ने शिव मंदिर का निर्माण करवा दिया था। इस वजह से इस मंदिर को सास-बहू का मंदिर कहा जाता है क्योंकि सास-बहू दोनों का मंदिर आसपास ही है।

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