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ऋषिकेश: सिलक्यारा टनल के श्रमिक को फिर मिला ‘जीवनदान’, दिल में था छेद

सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे श्रमिक पुष्कर के दिल में छेद की बात पता चलते ही AIIMS चिकित्सकों ने सफल ओपन हार्ट सर्जरी से उसे एक नया जीवनदान दिया।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सफल रेस्क्यू के दौरान जब स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एम्स ऋषिकेश ले जाया गया तो उन्ही में से एक श्रमिक पुष्कर के दिल में छेद होने की बात पता चली। एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ओपन हार्ट सर्जरी करने का निर्णय लिया। एक सप्ताह पूर्व उसकी सर्जरी कर दी गयी थी और अब पुष्कर पूरी तरह से स्वस्थ है और शुक्रवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।

एम्स ऋषिकेश में अन्य श्रमिकों की भांति ही पुष्कर के स्वास्थ्य की भी चिकित्सकों द्वारा सघन जांच की गयी थी। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान इको कार्डियोग्राफी करते समय मौके पर मौजूद कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. वरूण कुमार ने पाया कि पुष्कर के दिल में छेद है। यह समस्या जन्मजात रोग के रूप में थी लेकिन पुष्कर इससे अनजान था। इस मामले पर गंभीरता बररते हुए पुष्कर के स्वास्थ्य के संबन्ध में चिकित्सकों से बराबर समन्वय बनाए रखा। पुष्कर की हिम्मत और एम्स के अनुभवी चिकित्सकों की मेहनत का परिणाम यह रहा कि बेहद जटिल रूप से की गई पुष्कर के दिल की ओपन हार्ट सर्जरी पूर्ण तौर से सफल रही।

वरिष्ठ सर्जन डाॅ. अंशुमान दरबारी ने बताया कि यदि पुष्कर एम्स नहीं पंहुचता तो शायद उसे समय रहते पता नहीं चल पाता कि उसके दिल में छेद है। वह रोजगार के लिए गया तो उत्तरकाशी था लेकिन टनल में फंस जाने के कारण किस्मत उसे अन्य श्रमिकों के साथ एम्स ले आई।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार उम्र कम होने के कारण पुष्कर को भले ही अभी कोई बड़ी परेशानी नजर न आ रही हो लेकिन उम्र बढ़ने पर भविष्य में उसे शारीरिक गतिविधियों के बाद सांस लेेने में तकलीफ होना, कुछ भी काम करते वक्त अत्यधिक थकान का महसूस होना और अनियमित स्तर पर तेजी से दिल धड़कने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था। अब समय रहते सर्जरी हो जाने से उसे यह समस्या नहीं होगी।

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