इन चारों सिद्धपीठ के दर्शन से होती हैं मुरादें पूरी
उत्तराखंड को यूँही देवभूमि नही कहा जाता। उत्तराखंड में अनगिनत देवी देवताओं के धार्मिक स्थल हैं। जिनकी कई मान्यताएं और परिभाषाएं हैं। आज आपको ऐसे ही कुछ धार्मिक स्थलों के बारे में बताएँगे, जहाँ जाकर आप मुंह मांगा वरदान प्राप्त कर सकते हैं। बात कर रहे हैं देहरादून में स्थित लक्ष्मण सिद्घ, कालू सिद्घ, मानक सिद्घ और माढ़ू सिद्घ मंदिर की। यहाँ के मान्यताओं कि अगर बात कि जाए तो मान्यता है कि अगर एक ही दिन में बिना कुछ खाए इन चार सिद्घ के दर्शन किए जाए, तो भक्त की कोई भी मनोकामना पूरी होती है।
जहां कई हजारों साल पहले संतों ने कठोर तप किया था। इन चारों सिद्घ की विशेषता है कि यहां केवल गुड़ का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह चारों सिद्घ भीड़-भाड़ से दूर एकांत में स्थित है। यहाँ सिर्फ प्रदेश के ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोग भी आशीर्वाद लेने आते हैं।
अब आपको बताते हैं चारों सिद्ध मंदिर कहाँ स्थित हैं और आप भी इनके दर्शन कैसे कर सकते हैं:-
पहला सिध्ह मंदिर यानि लक्ष्मण सिद्घ मंदिर देहरादून से 12 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर देहरादून-ऋषिकेश रोड पर है। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है। आप यहां टैक्सी से या फिर अपने वाहन से जा सकते हैं। इस मंदिर में रविवार के दिन श्रद्घालुओं की भीड़ लगी रहती है।
अगला सिध्ह मंदिर है कालू सिद्घ मंदिर। जोकि बानियावाला के पास थानो गांव से 7 किमी दूर स्थित है। थानो फॉरेस्ट रेंज में मौजूद यह मंदिर कालू सिद्घ नामक संत को समर्पित है। शीतल नदी के पास स्थित यह स्थान पक्षी प्रेमियों और ट्रैकिंग करने वालों के लिए बेहतर है। और यहाँ रुकने के लिए आप फॉरेस्ट रेस्ट हाउस का इस्तमाल कर सकते हैं।
तीसरा है मानक सिद्घ मंदिर। यह मंदिर शिमला बाईपास स्थित बडोवाला क्षेत्र में मौजूद है। यहां भी संत ने तपस्या की थी, और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया है।
आखरी सिद्ध मंदिर है माढ़ू सिद्घ मंदिर। प्रेमनगर में स्थित यह मंदिर जंगलों के बीच में स्थित है। हालाँकि यह सभी मंदिर छोटे हैं और एकांत में हैं। लेकिन इनकी मान्यता के कारण दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं।