Ram lala Surya Tilak: जानिए सूर्य तिलक के पीछे की साइंस, IIT Roorkee का करिशमा
हर वर्ष चैत्र माह की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसी के चलते आज रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक भी किया गया। आइए आगे पढ़ते है सूर्य तिलक के पीछे छिपे विज्ञान के बारे में जिसमें आईआईटी रूड़की ने विशेष भूमिका निभाई है।
Ram lala Surya Tilak:आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पावन त्यौहार मनाया जा रहा है। इस वर्ष की रामनवमी का विशेष महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि के दिन रामलला का जन्म हुआ था। इसी मौके पर आज अयोध्या राम मंदिर में रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंत्रोच्चारण के साथ रामलला का सूर्याभिषेक हुआ। आपने राज्याभिषेक के बारे में सुना और पढ़ा होगा लेकिन सूर्याभिषेक के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। आगे पढ़ते है रामलला के सूर्योभिषेक और सूर्यतिलक के बारे में सभी जानकारी।
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विशेष पोशाक में नजर आए रामलला
आज रामलला के जन्मदिन के मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया। रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए थे। वही कपाट बंद होने का समय रात 11 बजे तक का बताया जा रहा है। आज रात्रि तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। ऐसे में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है। आज दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ है।
क्या है सूर्य तिलक?
आज रामनवमी के दिन अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान रामलला का सूर्य तिलक किया गया। करीब 4 मिनट तक रामलला के माथे पर 5.8 centimetre की सूर्य की किरणों से तिलक बनाया गया।
कैसे होता है सूर्य तिलक?
रामलला का सूर्य तिलक विज्ञान की मदद से किया गया है। इसे करने के लिए खास तरह के लेंस, रिफ्लेक्टर और पीतल के पाइपों से सूरज की किरणों को तय किये गये टाइम पर भगवान के मस्तक पर रिफ्लेक्ट किया गया।
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ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम से हुआ तिलक
राम लला का तिलक ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम की मदद से किया गया है। जिसे IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। इस सिस्टम में 4 मिरर, 4 लेंस और पीतल के पाइप और 19 गियर लगे हुए हैं।
किसने बनाई ये सभी चीज़ें?
सूर्य तिलक में इस्तेमाल हुई इन सभी चीज़ों को बेंगलुरु की कंपनी ऑप्टिक्स एंड अलाइड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ऑप्टिका) ने तैयार किया है।