43 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक राकेश झुनझुनवाला का हुआ निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
रिस्क उतना ही लो जितना अफोर्ड कर सको, ताकि दूसरा रिस्क लेने के लिए जगह बनी रहे। ये कहना था शेयर मार्केट के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का। आपको बता दें कि 14 अगस्त को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
दरअसल, वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे। बहरहाल वो इस दुनिया से रुक्सत हो गए। उनकी मौत पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है।
43 हज़ार करोड़ की संपत्ति के थे मालिक:-
बताते चलें कि उन्होंने हाल ही में एविएशन सेक्टर में भी इन्वेस्ट किया था, यानी उन्होंने अकासा एयरलाइंस में इन्वेस्ट किया था, और उसकी 40% हिस्सेदारी ली थी। राकेश झुनझुनवाला छोटे मोटे नहीं, बल्कि 43 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक थे।
इस वजह से राकेश बनें शेयर मार्केट के बिग बुल:-
और आज हम आपको ये बताएँगे कि आखिर वो क्या कारण हैं, जिन्होंने ने उन्हें शेयर मार्केट का बिग बुल बनाया। राकेश झुनझुनवाला शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर्स को एक ही बात कहते थे, कि रिस्क उतना ही लो जितना अफोर्ड कर सको, ताकि दूसरा रिस्क लेने के लिए जगह बनी रहे। वे अपने इस कथन पर हमेशा टिके रहे। वे पैसा इन्वेस्ट करते थे, लेकिन बचाकर भी चलते थे। ताकि नुकसान होने पर सड़क पर न आना पड़े।
राकेश झुनझुनवाला को भारत का वारेन बफे भी कहा जाता था:-
उन्होंने पहली बार जब अपने पिता से शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने का जिक्र किया, तो उनके पिता ने साफ मना कर दिया। जैसे आमतौर पर भारतीय पेरेंट्स करते ही हैं। इतना ही नहीं! राकेश अपने दोस्तो से उधार न लेले, इसलिए उनके पिता ने उनके दोस्तों को भी चेतावनी दी थी। उनके पिता आईआरएस ऑफिसर थे। इसके साथ ही उन्होंने राकेश को सलाह दी कि शेयर मार्केट में पैसे लगाने से पहले कोई प्रोफेशनल कोर्स कर ले।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए ली CA की डिग्री :-
और पिता की सलाह लेने पर उन्होंने CA किया, जिसके बाद उन्होंने शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया। हालाँकि, उनके बड़े भाई भी सीए थे। लिहाजा उनके भाई ने उन्हें कुछ क्लाइंट्स से मिलवाया। लेकिन राकेश पहली बार क्लाइंट्स से मिल रहे थे, तो उन्हें लुभाना तो था ही। इसलिए उन्होंने क्लाइंट्स को कहा कि मैं आप लोगो को 18% रिटर्न दूंगा।
क्लाइंट्स ये बात सुनकर सन्न थे, क्योंकि अच्छी से अच्छी स्कीम भी 10-12% का रिटर्न देती है। लोगों ने बात को हवा में उड़ाया लेकिन एक इन्वेस्टर को उनमें कुछ दिख गया, और उनपर 10 लाख रुपये इन्वेस्ट किए। फिर क्या था? इसी 10 लाख से राकेश ने एक साल में 30 लाख रुपये बनाए।
यहाँ से शुरू हुआ राकेश झुनझुनवाला की शेयर मार्केट का सफर:-
और यहीं से शुरू हुआ राकेश झुनझुनवाला की शेयर मार्केट का सफर। इसके बाद वे लगातार इन्वेस्ट करते रहे और 90 के दशक में उनकी नेट वर्थ 20 करोड़ रुपये पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने कई अरबपतियों की कम्पनी पर भी पैसे लगाए। कभी पैसे डूबे तो कभी 3 गुना तक बढ़ गए। हालांकि उन्हें कई बार बड़े नुकसान भी झेलने पड़े। राकेश ने एक बार ए टू ज़ी कम्पनी में पैसे लगाए। तो उन्हें 150 करोड़ का नुकसान हुआ, और उनकी संपत्ति 30% तक घट गई। हालांकि साल के खत्म होते होते उन्होंने इसे रिकवर भी कर लिया। इस साल तक उनकी संपत्ति 43 हज़ार करोड़ आंकी गई।
लोगों से साझा करते थे शेयर मार्केट की टिप्स:-
वे शेयर मार्केट की टिप्स भी लोगों से साझा करते रहते थे। जिसको लेकर वे कहते थे अगर नए खिलाड़ी हो तो म्युचुअल फंड्स के ज़रिए शेयर में इन्वेस्ट करो। उनका कहना था कि टिप्स पर ध्यान मत दो, बस नॉलेज पूरी रखो। हज़ार रुपये से रातोंरात करोड़पति बनने के सपने मत देखो, ऐसा कुछ नहीं होता। बस दिमाग और अपनी नॉलेज के बलबूते पर इन्वेस्ट कीजिये आप भी बिग बुल बन जाएंगे। उन्होंने हमेशा से ये बात कही है कि मैं उतनी ही बड़ी गलती करने को तैयार रहता हूँ, जिसको मैं बर्दाश्त कर सकू, और दुबारा उसको शुरू करने के लिए उठ सकूँ।