तो क्या पौड़ी गढ़वाल में भी सिटिंग पर ही दांव खेलने की तैयारी ?
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि दो सीटों पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। जहां अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह नगर और टिहरी सीट पर पार्टी ने उम्मीदवारों को रिपीट किया है। वहीं पौड़ी गढ़वाल और हरिद्वार सीट को लेकर अब तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है। जिसके बाद दोनों सीट पर उम्मीदवार को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं।
पौड़ी में भी सिटिंग पर ही दांव खेलने की तैयारी?
BJP ने तीनों सीटों पर रिपीट किए उम्मीदवार
पूरे प्रदेश में अव्वल रहे थे तीरथ…
बलूनी के साथ त्रिवेंद्र भी हैं इस सीट को लेकर प्रयासरत?
बलूनी को किया जा सकता है दिल्ली शिफ्ट!
विधानसभा क्षेत्रों में नियमित दर्ज कराई थी उपस्थिति
हाईकमान के फैसले का इंतजार
पौड़ी में भी सिटिंग पर ही दांव खेलने की तैयारी ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत पर ही दांव खेलने जा रही है। तीरथ की अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रियता व दांव पेंच से मुक्त निर्विवाद छवि उनके पक्ष में जा रही है। वहीं इस सीट पर एक और प्रबल दावेदार अनिल बलूनी को लेकर चर्चा है कि उन्हें पहाड़ी समुदाय बाहुल्य वाली ईस्ट दिल्ली सीट से आजमाया जा सकता है। क्योंकि भाजपा हाई कमान द्वारा ईस्ट दिल्ली सीट को भी फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।
BJP ने तीनों सीटों पर रिपीट किए उम्मीदवार
भाजपा द्वारा जारी की गई अपनी पहली सूची में जब उत्तराखंड की 5 में से 3 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए तो तीनों सीटों पर मौजूदा सांसदों पर दांव खेले गया। पार्टी के द्वारा लिए गए इस फैसले से हैरानी इस बात की हुई कि जब तीन सीटों पर मौजूदा सांसदों पर ही दांव खेला गया तो आखिर पहली बैठक में पौड़ी से तीरथ सिंह रावत को रिपीट करने का फैसला क्यों नहीं लिया गया।
पूरे प्रदेश में अव्वल रहे थे तीरथ…
जबकि क्षेत्र व संसद में सक्रियता और 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने संसदीय क्षेत्र से जीत के प्रतिशत के मामले में तीरथ पूरे प्रदेश में अव्वल रहे थे। बावजूद पहली सूची में उनका नाम न आना इस बात की तस्दीक करता है कि इस सीट पर अन्य दिग्गज़ बड़ी लॉबिंग के साथ अपनी दावेदारी पेश कर रहे होंगे।
बलूनी के साथ त्रिवेंद्र भी हैं इस सीट को लेकर प्रयासरत ?
अनिल बलूनी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस सीट को लेकर प्रयासरत बताए जा रहे हैं। हालांकि त्रिवेंद्र की नजर हरिद्वार पर भी है। लिहाजा तीरथ के सामने अनिल बलूनी ही ऐसा नाम है जिनके चलते इस सीट पर थोड़ी उलझन हो सकती है। हालांकि चर्चा यह भी है कि लॉबिंग व जोड़तोड़ करने वाले दावेदारों के प्रति भाजपा हाईकमान ने नजरें तरेर रखी हैं। पार्टी आलाकमान की प्राथमिकता में जोड़ तोड़ व लॉबिंग की प्रवृत्ति से मुक्त दावेदार हैं।
बलूनी को किया जा सकता है दिल्ली शिफ्ट !
वहीं अनिल बलूनी के बाबत दूसरा तर्क यह दिया जा रहा है कि पार्टी द्वारा पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित करने के फैसले को होल्ड में रखा गया है। संभव है कि बलूनी को दिल्ली शिफ्ट किया जाए। ऐसे में यदि पार्टी कोई आउट ऑफ द बॉक्स डिसीज़न न ले तो पौड़ी गढ़वाल से तीरथ का रिपीट होना तय है।
विधानसभा क्षेत्रों में नियमित दर्ज कराई थी उपस्थिति
बता दें तीरथ रावत ने बीते एक वर्ष में जिस तरह से बद्रीनाथ से कोटद्वार और नरेंद्रनगर से रामनगर तक के विधानसभा क्षेत्रों में नियमित अंतराल में उपस्थिति दर्ज कर जनता से संवाद बनाया। इसके साथ ही अपने संसदीय क्षेत्र के तमाम जिलों की दिशा जैसी बैठकों में सक्रिय उपस्थिति दर्ज रखी। वहीं यदि लोकसभा में तीरथ की सक्रियता के आंकड़े पर नजर डालें तो पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत की संसद में हाजिरी 92 प्रतिशत रही थी।
हाईकमान के फैसले का इंतजार
जिस तरह से अल्मोड़ा, नैनीताल व टिहरी में टिकट रिपीट हुए हैं तो भाजपा हाईकमान के पास शायद ही कोई ऐसा तर्क बचे कि वह पौड़ी में उक्त तीन सीटों से इतर फैसला ले सकें। बहरहाल पौड़ी को भाजपा हाईकमान के फैसले का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। लेकिन जब तक दूसरी लिस्ट जारी नहीं होती तब तक उम्मीदवारों को लेकर कुछ भी कहना आसान नहीं है। लेकिन इसको लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं।