उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों पर सियासत गर्म
देहरादून उत्तराखंड की बीजेपी सरकार राज्य में विकास की बयार बहने के दावे कर रही थी लेकिन राज्य में तो घोटालों और भर्जीवाडे की ही बयार बहने लगी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में घोटाले की बात सामने आने के बाद जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम रही सरकार ने तुरंत एसआइटी को इसकी जांच सौंप दी। इसके अलावा कुछ अन्य परीक्षाओं में गड़बड़ी के प्रकरण जांच के लिए विजिलेंस को सौंपे गए इन सब परीक्षाओं में घोटाले के बाद उत्तराखंड की चौथी विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है मामले में जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने ये बात कबूली की साल 2021 में बिना विज्ञप्ति के 72 लोगों की नियुक्ति की गई प्रेमचंद अग्रवाल ने भी यह बात कबूली है कि 72 लोगों की भर्ती में ना सिर्फ उनके बल्कि मंत्रियों और रसूखदार लोगों के रिश्तेदारों की भी नौकरियां विधानसभा में लगाई गई है हालांकि उन्होंने ने स्पष्ट किया था कि ये नियुक्तियां तदर्थ हैं और नियमानुसार हुई हैं आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्तियां करने का अधिकार है।
फिलहाल बीजेपी सरकार इस मामले में साफ तौर पर कुछ भी नहीं बोल रही है सीएम धामी ने इस प्रकरण की जांच कराने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करने की बात कही है
उधर विपक्ष ने भी इस मामले में बीजेपी सरकार को घेरने में देरी नहीं की आरोप है कि इसमें नियमों का पालन नहीं किया गया और चहेतों को पिछले दरवाजे से नियुक्तियां दे गईं। ABVP ने इन घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की है वहीं कांग्रेस ने मामले में जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं
मामला कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि खुद राहुल गांधी ने भी अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उत्तराखंड सरकार पर सवाल खड़े किए हैं विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी के प्रकरण का भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी संज्ञान लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के अनुसार इस बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी हाईकमान ने अग्रवाल को दिल्ली आकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा है।