आजीवन कारावास में पुरूष और महिला को अब समान सजा : 14 साल में अपराध की प्रकृति के आधार पर होंगे रिहा

जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पुरूष और महिला दोनों को अब समान सजा होगी । पहले पुरूषों के लिए आजीवन कारावास में रिहाई 16 साल और महिलाओं के लिए 14 साल में होती थी । लेकिन अब पुरूष के लिए भी 14 साल में ही रिहाई का प्रावधान रखने का निर्णय लिया गया है । इसके लिए अपराध की प्रकृति, अपराधी की आयु और अपराधी के अच्छे आचरण को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा ।

मामले में फैसले के लिए प्रमुख सचिव और ग्रह सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी और कमेटी मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी । इस कमेटी में प्रमुख सचिव या सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी, प्रमुख सचिव या सचिव गृह और अपर सचिव गृह (कारागार) सदस्य होंगे, जबकि महानिरीक्षक कारागार सदस्य सचिव होंगे। ये कमेटी बंदियों की रिहाई पर निर्णय लेगी ।

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