लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने दिखाया 2047 का भारत :देश को विश्वगुरु बनाने का लक्ष्य
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आज पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हुए भारत माता की जय के जयघोष के साथ राष्ट्र को संबोधित किया | उन्होंने आज़ादी से जुडी कई कहानियां सुनाते हुए उन हजारों क्रांतिकारियों को याद किया जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया |
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के आगे आगामी 25 वर्षों का विजन रखा | उन्होंने इस विजन को पंचप्रण नाम दिया |
क्या हैं पंचप्रण ?
- विकसित भारत
- गुलामी से मुक्ति
- विरासत पर गर्व
- एकता और एकजुटता
- नागरिकों का कर्तव्य
पीएम मोदी ने देश को 2047 तक इन पंचप्रणों के माध्यम से भारत को विश्वगुरु बनाने का विजन बताया |
उन्होंने कहा की हमें विकासशील भारत नहीं विकसित भारत बनाना है और हमारे मन में किसी भी प्रकार की गुलामी हमें पानी है |
उन्होंने कहा की हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए और हमारी आने वाली पीढ़ी को भी देश की विरासत पर गर्व होना चाहिए साथ ही देश के हर एक नागरिक में एकता होनी चाहिए, हमें किसी भी व्यक्ति के प्रति द्वेष की भावना से मुक्ति पानी ही होगी | साथ ही देश के हर एक नागरिक का कर्तव्य है देश की हर प्रकार से सेवा करना और यही पांच प्रण आगामी 25 वर्षों में हमें दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाएगे |