पीएम मोदी ने किया केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन, बोले विज्ञान में विकास को गति देने का सामर्थ्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव का आयोजन साइंस सिटी अहमदाबाद में किया जा रहा है। इसमें एसटीआई विजन 2047 सहित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों पर सत्र शामिल होंगे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी के भारत के विकास में विज्ञान उस ऊर्जा की तरह है जिसमें हर क्षेत्र के विकास को, हर राज्य के विकास को गति देने का सामर्थ्य है। आज जब भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की तरफ बढ़ रहा है तो उसमें भारत की साइंस और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका बहुत अहम है। जब ज्ञान-विज्ञान से हमारा परिचय होता है तब संसार के सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है। समाधान और नवाचार का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम पिछली शताब्दी के शुरुआती दशकों को याद करें तो देखते हैं कि दुनिया में किस तरह तबाही और त्रासदी का दौर चल रहा था। लेकिन उस दौर में भी बात चाहे पूर्व की हो या पश्चिम की, हर जगह के वैज्ञानिक अपनी महान खोज में लगे हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पश्चिम में आइंस्टाइन, फर्मी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से दुनिया को चौंका रहे थे। उसी दौर में सीवी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर समेत कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे। इस अमृतकाल में भारत को रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हमें एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करना है। नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण पर और प्रक्रियाओं को सरल करने पर बल देना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश में काफी वृद्धि की गई है। सरकार के प्रयासों से आज भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 46वें स्थान पर है, जबकि 2015 में भारत 81 नंबर पर था।