माँ डाट काली के दर्शन से होती हैं मनोकामनाएं पूरी

अगर आपको भी ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों पर जाना और देवी देवताओं के दर्शन कर आशीर्वाद लेना पसंद है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां डाट काली मंदिर के बारे में। जो हिन्दूओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। ये मंदिर सहानपुर देहरादून हाईवे रोड़ पर स्थिति है। मान्यता है कि यह मंदिर मां काली को पूर्णतः समर्पित है। जोकि भगवान शिव की पत्नी देवी सती का अंश माना जाता है।

मां डाट काली मंदिर को मनोकामना सिद्धपीठ और काली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि माता डाट काली मंदिर सिद्धपीठों में से एक है। अगर इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो मां डाट काली मंदिर का निर्माण 13 जून 1804 ई. में किया गया था। जब वहां देहरादून-सहानपुर राजमार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा था।

मान्यता यह भी है कि मां काली अभियंता के सपने में आयी थी, जिन्होने मंदिर की स्थापना के लिए महंत सुखबीर गुसैन को देवी काली की प्रतिमा दी थी। जो आज भी घाटी के मंदिर में स्थिपित है। इसे ‘दात काली मंदिर‘ कहा जाता है।

बात अगर इस मंदिर के विशेषता की करें तो मां डाट काली मंदिर के विशेषता यहां कि यहा एक दिव्य ज्योति जल रही है। जोकि 1921 से लगातार जल रही है। यहां के आस पास के लोग जब भी कोई नया वाहन खरीदते है। तो इस मंदिर में पूजा के लिए ज़रूर आते है। जो भी व्यक्ति यहां से जाता है, वो मां काली का आर्शीवाद जरूर लेता है।

और मंदिर में तेल, घी, आटा और अन्य वस्तु माँ के चरणों में अर्पित करता है। इस मंदिर में एक बडा हॉल भी है जहां पर लोग आराम भी कर सकते है। दूर दूर से इस मंदिर में भक्त दर्शनो के लिए आते है। खासतौर पर नवरात्री के त्योहार के अवसर पर यहां बहुत बड़ी संख्या में लोग आते है। और यहाँ आकर माँ का दर्शन कर उनका अश्रिवाद लेते हैं।

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