Pankaj Udhas : लंबी बीमारी से जूझने के बाद निधन
73 वर्ष के पंकज उधास ने आज 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस
जाने-माने गजल गायक Pankaj Udhas का निधन हो गया है। वह 73 वर्ष के थे।
उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। परिवार ने कहा, “बहुत भारी मन के साथ, हमें आपको पद्म श्री Pankaj Udhas के 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण निधन की दुखद खबर दे रहे हैं।”
पंकज उधास के प्रतिनिधि ने मीडिया को बताया, “पंकज सर लंबी बीमारी से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। आज सुबह करीब 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया।”
गुजरात में एक कलात्मक माहौल में जन्मे पंकज उधास तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दोनों बड़े भाई – मनहर उधास और निर्मल उधास – पहले ही गायन के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित कर चुके थे। बचपन से ही संगीत के वातावरण में पले-बढ़े पंकज की रुचि शुरुआत में तबला सीखने की ओर थी। हालांकि, किस्मत उन्हें ग़ज़लों की मधुर दुनिया की ओर ले गई।
पंकज उधास को उनकी मधुर और गहरी आवाज के लिए जाना जाता था। भले ही उन्हें फिल्म ‘कमना’ के एक गीत से शुरुआती पहचान मिली, लेकिन उनकी असली सफलता और पहचान ग़ज़लों से ही आई। अपने गायन को निखारने के लिए उन्होंने उर्दू भाषा सीखी, जिसने उन्हें ग़ज़लों की गहराई को बेहतर ढंग से समझने और उस भाव को अपनी आवाज में उतारने में मदद की।
पंकज उधास ने “चित्ठी आई है” (नाम), “ना काजरे की धार” (मोहरा), “चांदी जैसा रंग”, “एक तरफ उसका घर” और “आहिस्ता” जैसी कई यादगार ग़ज़लें गाईं।
1980 में अपने पहले ग़ज़ल एल्बम “आहट” के साथ संगीत जगत में कदम रखने वाले पंकज उधास ने संगीत प्रेमियों को 50 से अधिक एकल एल्बम और सैकड़ों संकलन एल्बमों का तोहफा दिया। उन्होंने भारत और विदेशों में लाखों संगीत प्रेमियों के दिलों को छुआ और ग़ज़ल को एक नया आयाम दिया।