बजट तैयार करने में नाकाम हैं पंचायतें : कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा

प्रदेश की ग्राम पंचायतें विकास कार्यों के लिए बजट तैयार करने में फिसड्डी साबित हो रही हैं। कैग की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। बीते रोज विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन पटल पर रखी गई पंचायतों की कैग रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2017 से 2019 तक की अवधि में प्रदेश की 93 प्रतिशत ग्राम पंचायतें अपना बजट तैयार नहीं कर पाई। रिपोर्ट में यह भी खुसाला हुआ कि पंचायतों की ओर से बिल, भंडार, अग्रिम, अचल संपत्ति पंजिका, मस्टरोल, चेक निर्गत पंजिका का रखरखाव भी नहीं किया गया, जिसके चलते ऑडिट में वित्तीय लेन-देन स्पष्ट नहीं हो रहा है।
कैग रिपोर्ट में खुसाला हुआ कि प्रदेश की 176 में से 164 पंचायतों ने कमाई और खर्च का कोई हिसाब नहीं रखा।
कैग ने खुलासा किया कि विकास परियोजनाओं के लिए पंचायतों के पास पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद विकास कार्य लटके पड़े हैं। कैग ने तकनीकी निरीक्षण में पाया गया कि 14 ग्राम पंचायतों में नियमों का उल्लंघन कर दो करोड़ रुपये तक का नकद भुगतान किया गया।
कैग ने पंचायतों द्वारा की जा रही वित्तीय अमनियमितताओं का भी खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्नन योजनाओं के लिए बैंकों जमा धनराशि पर बनने वाले ब्याज को पंचायतों ने अपने पास दबा दिया। इसके अलावा ठेकेदारों पर भी कुछ पंचायतों ने खूब मेहरबानी दिखाई है।
यही नहीं, दर्ज की गई आपत्तियों का जवाब देने में भी ज्यादातर पंचायतों ने आनाकानी की।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में पंचायतों में रिक्त पड़े पदों को लेकर भी स्थिति साफ की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 13 जिला पंचायतों में केंद्रीयकृत और गैर केंद्रीयकृत संवर्ग के 608 स्वीकृत पदों में से 288 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा पंचायतीराज संस्थाओं में 1306 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 970 ही कार्यरत हैं और 336 पद खाली हैं।

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