पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में नाबालिग की मौत: लोगों में आक्रोश

दरअसल एक पिता अपने बीमार बच्चे को लेकर उसका इलाज कराने अस्पताल पहुंचा, बच्चा बहुत बीमार था इसलिए पिता को जल्दी इलाज की उम्मीद भी थी, मामला इमरजेंसी का था इसलिए पिता जल्दी अस्पताल में डॉक्टर्स को ढूंढने लगा लेकिन डॉक्टर्स ने मरीज को ओपीडी में भेज दिया गया वहां पिता को इंतज़ार करना पड़ा और समय से उपचार न मिल पाने के कारण बच्चे की पिता की गोद में ही मौत हो गई। इस घटना के बाद पिता अस्पताल के बाहर बैठकर बस रो रहा है।

परिजनों ने आरोप लगाया कि पिता बच्चे को लेकर लाइन में खड़ा था और लाइन में ही उसकी मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अस्पताल परिसर में भीड़ जमा हो गई। बच्चे के परिजन अस्पताल की लापरवाही और खराब व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।

क्या कहा अस्पताल प्रशासन ने-

इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने कहा कि बच्चे के उपचार में कोई लापरवाही नहीं कि गई बच्चे का सुचारू रूप से इलाज चल रहा था और पूरी जांच भी की गई, जांच में पाया गया कि बच्चे को खून से संबंधित कोई बीमारी है और इसी वजह से बच्चे की मौत हुई।
पिथौरागढ़ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जेएस नबियाल ने भी आरोपों को नकारते हुए कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक हैं और बच्चे की मौत रक्त संबंधित बीमारी की वजह से ही हुई है।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर पहाड़ों में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है |

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