धर्म-संस्कृति

घर में पधारे ganpati bappa को दस दिनों तक लगाएं इन चीजों का भोग

गणेश चतुर्थी भारत के विभिन्न भागों में मनाई जाती है। लेकिन महाराष्ट्र व कर्नाटक में इस त्योहार की अलग ही धूम देखने को मिलती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का पुनर्जन्म हुआ था।

Ganpati Bappa: आज देशभर में गणेश चतुर्थी(ganesh chaturthi)का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का पुनर्जन्म हुआ था। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर देशभर में गणेशोत्सव की धूम रहती है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे के साथ यह उत्सव खत्म हो जाता है।

गणेश चतुर्थी(ganesh chaturthi 2023) के दिन सभी भक्त ढ़ोल-नगाड़ों के साथ अपने घर में भगवान गणेश का आगमन करते है। इन 10 दिनों में गणपति बप्पा(ganpati bappa) को 10 अलग-अलग चीजों का भोग लगाया जाता है। भोग में बनी सब चीजें भगवान गणेश का बेहद प्रिय होती है। मान्यतानुसार इन दिनों भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से भगवान गणेश बहुत खुश हो जाते है। आइए जानते हैं गणेश उत्सव के दौरान बप्पा को कौन से भोग लगाने चाहिए।

पहले दिन का भोग

भगवान गणेश को मीठे में मोदक अति प्रिय है। ऐसे में गणेश उत्सव के पहले ही दिन गणपति बप्पा को मोदक का भोग जरूर लगाएं। इससे बप्पा बहुत प्रसन्न होंगे। 

दूसरे दिन का भोग

भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू भी बहुत प्रिय होते है। ऐसे में गणेश उत्सव के दूसरे दिन भगवान गणपति को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना उत्तम होता है।  

तीसरे दिन का भोग

मोतीचूर के लड्डू के साथ-साथ विघ्नहर्ता गणेश को बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। गणेश उत्सव के तीसरे दिन लड्डूओं का भोग लगाएं।  

चौथे दिन का भोग

गणेश जी को केले का भोग लगाना भी उत्तम माना जाता है। इसलिए गणेश उत्सव के चौथे दिन प्रसाद में केले का फल जरूर शामिल करें।

पांचवें दिन का भोग

धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश जी को मखाने की खीर भी बहुत पसंद है। ऐसे में उन्हें पांचवे दिन प्रसाद के रूप में मखाने की खीर जरूर चढ़ाएं। 

छठे दिन का भोग

हिंदू धर्म में नारियल का बहुत महत्व होता है, पूजा से लेकर प्रसाद में भी इसका प्रयोग किया जाता है। छठे दिन बप्पा को नारियल का भोग लगाएं। 

सातवें दिन का भोग

गुड़ का पारंपरिक भोग है जो भगवान गणेश को बहुत अच्छा लगता है। ऐसे में सातवें दिन बप्पा को घी और गुड़ के प्रसाद का भोग लगाएं। 

आठवें दिन का भोग

भगवान गणेश को मोदक और लड्डू बहुत पसंद है। ऐसे में आप आठवें दिन मोतीचूर के लड्डू, बेसन के लड्डू के अलावा मावे के लड्डूओं का भी भोग लगा सकते हैं। 

नौवें दिन का भोग

दूध से बना कलाकंद और खोपरपाक जैसी स्वादिष्ट मिठाइयां भी बप्पा को अति प्रिय है। ऐसे में नौवें दिन दूध और घी से बनी मिठाइयां भगवान गणेश को अर्पित करें। 

दसवें दिन का भोग

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी देवी-देवता को 56 भोग चढ़ाना बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसे में गणेश उत्सव के दसवें यानी आखिरी दिन जब बप्पा घर से विदा होंगे तब 56 भोग जरूर लगाएं।

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