उत्तराखंड में अब घर बैठे रजिस्ट्री कर सकेंगे लोग, कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तराखंड में अब लोगों को भूमि व अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए कार्यालय नहीं जाना होगा। प्रदेश मंत्रिमंडल ने सोमवार को घर बैठे रजिस्ट्री कराने की वर्चुअल प्रक्रिया के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तराखंड कैबिनेट ने सोमवार को वर्चुअल रजिस्ट्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब लोग घर बैठे ही भूमि और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री करा सकेंगे। इस प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी लिंक किया जाएगा, जिससे जनसुविधा के साथ-साथ फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।
कैबिनेट में यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। इस निर्णय से प्रदेश में रजिस्ट्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी।
वर्तमान में भूमि और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए लोगों को कार्यालय में आकर बयान दर्ज कराने होते हैं। इससे बुजुर्गों और बीमार लोगों को परेशानी होती है। वर्चुअल रजिस्ट्री से उन्हें कार्यालय नहीं जाना होगा।
इस प्रक्रिया के लागू होने से औद्योगिक निवेश को भी बल मिलेगा। उप निबंधक कार्यालय में वीडियो केवाईसी के माध्यम से पक्षकारों के तथ्यों की जांच होगी। ई-साइन के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी होगी। पक्षकार विलेख की डिटिल साइन कापी भी ऑनलाइन अपलोड हो सकेगी।
केंद्र सरकार ने राज्य को ऑनलाइन रजिस्ट्री, विवाह पंजीकरण, विवाह प्रमाण एवं लेखपत्रों का प्रमाणित प्रति निकालने, भार मुक्त प्रमाण व पंजीकृत लेख पत्रों की ई-सर्च करने के लिए आधार प्रमाणीकरण का ऐच्छिक रूप से प्रयोग करने की अनुमति दे दी है।
इन कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए स्टांप एवं निबंधन विभाग को ई-केवाईसी यूजर एजेंसी के रूप में अधिकृत किया जाएगा। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण व एनआईसी-सी-डे के साथ एमओयू की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।