सड़क नहीं तो वोट नहीं, जोशीमठ का दूरस्थ गांव डुमक आज भी सड़क सुविधा से बंचित
चमोली के जोशीमठ डुमक गांव जो स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। वर्ष 2007-2008 से स्वीकृत सड़क से आज गांव के लोग बंचित है। पूर्व में क्षेत्रवासियों ने सैंजी लगा मैकोट, वेमरू, डुमक, कलगोठ सड़क निर्माण और उसके सही समरेखण के लिए बडा आंदोलन किया था।
आंदोलन के परिणामस्वरूप सड़क निर्माण का कार्य कर रहे विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा क्षेत्र वासियों को आश्वस्त किया गया था कि ग्रामीणों की मांग के अनुसार समरेखण में सुधार कर सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा लेकिन विभाग द्वारा आज तक भी ग्रामीणों की मांग पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है
जिसके चलते आक्रोशित ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन का सम्पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। जहां सरकार एक तरफ राज्य के सुदूर गांवों से सड़क जोड़ने का दंभ भर रही है वहीं जोशीमठ प्रखंड का सबसे दूरस्थ गांव कलगोठ सड़क संपर्क से आज भी वंचित है। चुनाव दर, चुनाव होते जा रहे है गांव में पोलिंग पार्टियां बदस्तूर लाव-लश्कर के साथ पहुंच जाती है, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, नेता और उनकी प्रचार सामग्री ठीक समय पर बड़े-बड़े वादों के साथ डुमक गांव तक तो पहुंच जाती हूं लेकिन जैसे ही चुनाव पूरा होता है
उसके बाद शासन-प्रशासन डुमक गांव को भूल जाटव है। जबकि डुमक गांव जिला मुख्यालय से 44 किमी0 की दूरी पर और जोशीमठ ब्लॉक मुख्यमय से 46 किमी0 दूरी पर है। कलगोठ गांव तक सड़क की कटिंग हो चुकी है कच्ची सड़क पर वाहनों का आवागमन जारी है
लेकिन कलगोठ से लगभग 7 किमी0 सड़क आधी-अधूरी कटिंग के साथ वन पाई है जिसमें से 2 महत्वपूर्ण एक पुल जंगड़ा घट गधेरे पर और एक मैना गधेरे के ऊपर इस सड़क पर बनने है लेकिन ग्रामीणों द्वारा शासन-प्रशासन के कई बार गुहार लगाने के बाद भी डुमक गांव को सड़क से जोड़ने की लोगों की आस साल-दर-साल धूमिल होती जा रही है मजबूरन यहां के ग्रामीण अब चुनाव बहिष्कार के लिए बाध्य है।