उत्तराखंड परिवहन निगम की 400 बसों की दिल्ली में ‘नो एंट्री’ , जाने वजह
दिल्ली में एक नवंबर से केवल बीएस-6 श्रेणी की बसों के प्रवेश की अनुमति है जबकि उत्तराखंड के पास बीएस-6 श्रेणी की एक भी बस नहीं है। विभाग द्वारा पूरी जानकारी लेकर शासन को अवगत कराएगा।
जहा एक और त्योहारों का सीज़न शुरू होने को है वही दूसरी ओर उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए एक बड़ी समस्या सामने आ गयी गई। उत्तराखंड से दिल्ली त्योहारों के समय एक बड़ी संख्या में लोगों का सफर जारी रहता है ऐसे में दिल्ली मार्ग परिवहन निगम के लिए सबसे मुनाफे का मार्ग है, लेकिन एक नवंबर से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 400 बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने एक नवंबर से केवल बीएस-6 श्रेणी की बसों के प्रवेश की अनुमति दी है, जबकि उत्तराखंड परिवहन निगम के पास बीएस-6 श्रेणी की अपनी एक भी बस नहीं है। केवल 150 अनुबंधित सीएनजी बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-6 श्रेणी की हैं। बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर एक नवंबर से प्रतिबंध लग जाएगा। वर्तमान में उत्तराखंड से दिल्ली के लिए करीब 400 बसों का संचालन हो रहा और यह सभी यूरो-4 यानी बीएस-4 श्रेणी की हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा एक महीने पहले ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी, मगर उत्तराखंड में अधिकारी निश्चिंत बैठे रहे। मंगलवार को हुई नोटिस की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस संबंध में परिवहन निगम राज्य सरकार से मामला सुलझाने की गुहार लगाने की तैयारी कर रहा है।
अगर बसों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा तो उत्तराखंड की बसें दिल्ली सीमा तक ही जा सकेंगी। ऐसे में उत्तराखंड की बसों में रोजाना 30 से 35 हजार यात्री दिल्ली की यात्रा करते हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी, बल्कि परिवहन निगम को भी घाटा उठाना पड़ सकता है। तकरीबन 1300 बस परिवहन निगम की गढ़वाल मंडल की 250 व कुमाऊं मंडल की 150 बसें प्रतिदिन दिल्ली जाती हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार, प्रदूषण को लेकर दिल्ली की ओर से जारी एडवाइजरी की जानकारी मिली है। अब तक अधिकारिक तौर पर बसों के प्रवेश के रोक का पत्र नहीं मिला है। एडवाइजरी में बीएस-6 बसों के संचालन का जिक्र तो किया गया है, लेकिन पुरानी डीजल बसों पर प्रतिबंध लगाने जैसी बात नहीं थी। इस बारे में पूरी जानकारी लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा।