माँ महागौरी की आराधना से सिद्ध होते हैं असंभव कार्य
शारदीय नवरात्री का आज आठवाँ दिन है। और इस दिन माँ दुर्गा के अष्टम रूप माँ महागौरी की पूजा आराधना की जाती है। जो भी भक्त माँ महागौरी की सच्चे मन से पूजा आराधना करते हैं, उनके सारे असंभव कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं। और वे अक्षय पुण्यों के अधिकारी हो जाते हैं।
माँ के सभी वस्त्राभूषण और उनका वाहन भी हिम के समान सफेद या गौर वर्ण वाला वृषभ अर्थात बैल है। माँ महागौरी की चार भुजाएं हैं। एक हाथ में डमरू, एक में त्रिशूल, और अन्य दो हाथ अभय और वर मुद्रा में हैं। माँ मनुष्य के प्रवृति को सत की ओर प्रेरित कर के असत का विनाश करती हैं। माँ का यह स्वरुप भक्तों को तुरंत और अमोघ फल प्रदान करता है।
साथ ही जो महिलाएं माँ की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना करती हैं, वो सदैव सौभाग्यावाती रहती हैं। तो वहीँ कुंवारी कन्याओं को योग्य वर और पुरुष को सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है। माँ को नारियल का भोग लगाया जाता है। और माँ की पूजा करने के बाद पकवान, मिठाई, हलवा, आदि कन्याओं को दान करना शुभ माना जाता है।