नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना : गरीब बेटियों को बड़ी राहत, पुराने आवेदन पर भी मिलेगा अनुदान
प्रदेश में स्कूली बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा हेतु चलाई जा रही ‘नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना’ के तहत अब पुराने आवेदनों पर भी अनुदान दिया जाएगा। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आवेदन की दिक्कतों को देखते हुए, विभागीय सचिव को पुराने प्रारूप पर आवेदन स्वीकार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस निर्णय के बाद प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए उच्च शिक्षा के लिए अनुदान प्राप्त करने में आ रही दिक्कतों काफी हद तक दूर हो जाएंगी।
प्रदेश में गरीब परिवार की बेटियों के लिए बारहवीं कक्षा पास करने के बाद उच्च शिक्षा हासिल करने हेतु आर्थिक सहायता दिए जाने के लिए करीब एक दशक पहले तत्कालीन प्रदेश सरकार ने गौरा देवी कन्या धन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत तब बारहवीं करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान था, जो अब बढ़ा कर 51 हजार कर दिया गया है। इस बीच सरकार द्वारा इस योजना के तहत अनुदान चाहने के लिए नए प्रारूप का आवेदन निर्धारित किया गया जिसमें कई दिक्कतें सामने आ रही थीं। नए प्रारूप में अभ्यर्थी परिवार को तीन महीने के पानी के बिलों की प्रति देना अनिवार्य किया गया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर परिवार या तो प्राकृतिक स्त्रोतों या हैंडपंप से पानी की जरूरत पूरा करते हैं। इसके अलावा नए प्रारूप में मनरेगा योजना के तहत तीन साल तक काम का विवरण भी देना अनिवार्य है जबकि हजारों परिवारों का अभी तक जॉब कार्ड ही नहीं बना है। नए प्रारूप में बैंक अकाउंट, कृषि भूमि, वाहन सहित कई चीजों की जानकारी भी मांगी जा रही थी। ऐसी स्थिति में इन परिवारों के लिए नए प्रारूप के तहत आवेदन करने में मुश्किलें आ रही थी।
इन परेशानियों को देखते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने विभागीय सचिव को पुराने प्रारूप में ही आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन बेटियों द्वारा पुराने प्रारूप पर आवेदन किए गए थे, उन्हें नए प्रारूप के चलते दोबारा आवेदन करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि इस योजना के आवेदन पत्र के प्रारूप के साथ बैंक अकाउंट, कृषि भूमि, वाहन सहित कई चीजों की जानकारी मांगी जा रही थी, जिसके कारण आवेदन करने वालों को परेशानी हो रही थी लेकिन अब पुरानी व्यवस्था लागू होने से इन बेटियों को अनुदान मिलने में आ रही अड़चनें दूर हो जाएंगी।