उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से बाघों का हमला नहीं थम रहा है। खासतौर पर पहाड़ी या घने जंगलों के आसपास रह रहे लोगों में जंगली जानवरों का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में एक और खबर सामने आ रही है जहां नैनीताल के रामनगर के रामनगर में स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क के आसपास के जंगलों में घास और लकड़ी बीनने गई महिला को बाघ ने अपना निवाला बना दिया।
उस इलाके के आसपास रह रहे ग्रामीणों का कहना है कि इन दिनों बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है तथा बाघ द्वारा कई लोगों को अपना निवाला बनाने के साथ ही कई ग्रामीणों को घायल भी किया जा चुका है, बाघ के आतंक को लेकर जहां एक ओर ग्रामीण अपने घरों में कैद होने को मजबूर है तो वही बच्चे डर के मारे स्कूल भी नहीं जा रहे हैं।
मिली जानकारी अनुसार ढेला गांव में रहने वाली 50 वर्षीय कलादेवी गांव की ही तीन अन्य महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी और घास लेने के लिए गई थी। काम करते हुए अचानक ही बाघ ने कला देवी पर हमला बोलते हुए उसे अपना निवाला बना लिया और महिला को करीब 2 किलोमीटर तक जंगल में घसीटता हुआ ले गया।
साथ गई महिलाओं ने शोर भी मचाया लेकिन बाघ की दहाड़ सुन वह घबरा गई और गांव में आकर इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। सूचना मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी और ग्रामीणों ने महिला के शव को खोजने के लिए जंगल में सर्च अभियान चलाया, काफी देर बाद कला देवी का शव जंगल में लहुलुहान हालात में मिल।
लगातार बढ़ते जंगली जानवरो के हमलों के कारण कई लोग अपनी जान गवां चुके है। ऐसे में उन जंगली जानवरो कोपकड़ने में वन विभाग के हाथ बार बार असफलता लगने के कारण लोगों में वन विभाग के खिलाफ रोष बढ़ गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों का कहना था कि लंबे समय से क्षेत्र में बाघ का आतंक बना हुआ है लेकिन विभाग द्वारा ना तो इसे पकड़ा गया और ना ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई उपाय किए गए।
कॉर्बेट प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में वन कर्मियों द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए मौके पर पिंजरा लगाने की कार्रवाई की गई है।