नैनीतालः हनुमानगढ़ी मंदिर में है भक्तों का अटूट विश्वास, आप भी जानें…
नैनीताल। विशाल हनुमान मंदिर (हनुमानगढ़ी मंदिर) एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है जहाँ पर भगवान हनुमान के भक्त देश के कोने-कोने से भगवान के दर्शन करने आते है। वैसे तो उत्तराखंड में कई ऐसे मंदिर है जहाँ हनुमान भगवान के हजारों मंदिर है लेकिन नैनीताल के हनुमानगढ़ी मंदिर को महान पौराणिक महत्व प्रदान है। हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण नीम करौली बाबा जिन्हें हनुमान भगवान का ही रूप माना जाता है। नीम करौली बाबा वर्ष 1950 के दशक के एक प्रसिद्द संत थे जिनके न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी कई भक्त है।
हनुमानगढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति, नीम करौली बाबा का मंदिर और लगभग सभी भगवानों के छोटे-छोटे मंदिर है। हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी की विशाल मूर्ति छाती चीरते हुए है जिनके भीतर भगवान राम और माता सीता की तस्वीर लगी हुई है। हनुमानगढ़ी मन्दिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष कीर्तन भजन का आयोजन किया जाता है इसके अलावा हनुमानगढ़ी मंदिर में हर वर्ष रामनवमी और नवरात्रों के दौरान छोटे से मेले का भी आयोजन किया जाता है।
हनुमानगढ़ी मंदिर अत्यंत सुंदर और विशाल मंदिर है जहां नैनीताल के परिजन और दूर-दूर से आए यात्री भगवान हनुमान के मंदिर के दर्शन करने आते है। कहा जाता है कि हनुमानगढ़ी मंदिर में जाने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं भगवान हनुमान अवश्य पूरी करते है। हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल के तल्लीताल बस स्टैंड से लगभग 3 किमी की दूरी पर हल्द्वानी रोड पर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। हनुमानगढ़ी मंदिर तक सड़क मार्ग के माध्यम से आसानी से जाया जा सकता है जहां से पहाड़ियों के सुंदर और अद्भुत दृश्य भी देखे जा सकते है। हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रवेश का समय सुबह 5:00am से दोपहर 12 बजे तथा शाम 4 से 9:00 बजे तक का है। मंदिर में प्रवेश का शुल्क नहीं लिया जाता है लेकिन यहाँ शांति बनाए रखना जरुरी है। इसके अलावा हनुमानगढ़ी मंदिर में तस्वीरें लेना वर्जित है।