मासूम बच्‍ची की हत्या करने में दोषी मां को आजीवन कारावास

खटीमा। निर्दयी माता-पिता ने 28 दिन की मासूम बच्‍ची को नहर में फेंक कर मौत के घाट उतारा था। अब तीन साल बाद उस मासूम को इंसाफ मिला है। दोषी मां को आजीवन कारावास व पिता को चार वर्ष की सजा मिली है।


अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्म सिंह ने तीन साल पूर्व चकरपुर के पचौरिया में हुई 28 दिनों की बच्ची की हत्या के आरोप में दोषी मां को आजीवन कारावास एवं पिता को चार वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही आठ व तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
चकरपुर पचौरिया नईबस्ती गांव के विजय कुमार उर्फ गोविंद प्रसाद ने 16 दिसंबर 2019 को कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराते हुए बताया था कि 28 दिनों की उनकी पुत्री प्रियांशी अपनी मां के साथ कमरे में सोई हुई थी। अचानक वह गायब हो गई थी।
पुलिस ने जब विवेचना की तो पता चला कि पुत्री गायब नहीं हुईए बल्कि उसकी मां निशा उर्फ नगमा व पिता विजय कुमार ने ही उसे मारा था। शव को शारदा नहर में फेंक दिया था। जिसके बाद बच्ची के अपहरण झूठी सूचना गांव में फैला दी थी।
27 दिसंबर 2019 को पुलिस ने शारदा नहर से बच्ची का शव बरामद कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने बच्ची के माता.पिता को आरोपित बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर भेज दिया था। यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में पहुंचा। पुलिस ने 16 मार्च 2020 को को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सौरभ ओझा ने पैरवी करते हुए नौ गवाहों को पेश किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश सिंह ने दोषी पाते हुए मां निशा उर्फ नगमा को धारा 302 व 201 में आजीवन कारावास एवं आठ हजार रुपए का अर्थदंड एवं पिता विजय कुमार उर्फ गोविंद प्रसाद को साक्ष्य आरोप छुपाने के आरोप में धारा 201 में चार साल की सजा व तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button