शहीद सूरज बिष्ट का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कंसोला पहुंचा

शहीद सूरज बिष्ट का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके गांव ,भारत माता की जय के साथ गूंज उठा वातावरण

चमोली नारायणबगड़  पंजाब के भटिंडा मैं ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुए सूरज बिष्ट का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव कंसोला पहुंचा जहां पर समस्त गांववासी व भारी संख्या में क्षेत्रवासियों ने पहुंचकर भारत माता की जय और शहीद सूरज अमर रहे के नारों के साथ संपूर्ण क्षेत्र गूंज उठा तत्पश्चात उनके पैतृक घाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।इस दौरान मेजर सुरेश ने शहीद सूरज सिंह के पिता को तिरंगा झंडा सौंपा।

विगत शुक्रवार को कंसोला गांव के 20 गढ़वाल राइफल में तैनात सूरज बिष्ट की पंजाब के भटिंडा में घातक कमांडो ट्रेनिंग के दौरान आकस्मिक मौत हो गई थी जिससे संपूर्ण गांव व क्षेत्र में शोक की लहर छा गई आज सोमवार को सूरज बिष्ट का पार्थिव शरीर उनके गांव कंसोला पहुंचा वहां पर उपस्थित संपूर्ण ग्राम वासियों, जनप्रतिनिधियों व क्षेत्र के लोगों ने सूरज बिष्ट अमर रहे वह भारत माता की जय के साथ उनके पार्थिव शरीर को गाड़ी से बाहर निकाल कर आर्मी द्वारा अंतिम दर्शन के लिए उनके घर ले गए जहां पर उनकी माता श्रीमती पुष्पा देवी ने अपने पुत्र के शव को देख कर बेहोश हो गई जिन्हें किसी तरह परिजनों द्वारा होश में लाया गया इस अवसर पर सभी की आंखें नम हो गई तत्पश्चात उनके पार्थिव शरीर को पैतृक घाट

मींगगधेरा स्थित पिंडर नदी तट पर लाया गया जहां पर 20 गढ़वाल ग्रेनेडियर रुद्रप्रयाग से मेजर सुरेश की अगुवाई में गढ़वाल स्काउट जोशीमठ के 15 जवानों द्वारा सैनिक सम्मान के साथ रीत चढ़ाकर अंतिम सलामी के साथ विदाई दी गई। इस मौके पर भूतपूर्व सैनिकों व जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्प गुच्छ चढ़ा कर अंतिम सलामी दी। वही मुखाग्नि उनके बड़े भाई पंकज द्वारा दी गई इस अवसर पर 20गढ़वाल ग्रनेडियर रुद्रप्रयाग से मेजर सुरेश,नायक योगेंद्र सिंह,नायक यशवीर सिंह,नायक कमल सिंह,लांस

नायक विक्रम नायक कुलदीप लांस नायक अनवर अली हवलदार प्रकाश सहित 15 गढ़वाल राइफल के जवान, ब्लाक प्रमुख यशपाल नेगी, व्यापार मंडल अध्यक्ष नारायण बगड़ जयवीर कंडारी,सांसद प्रतिनिधि संदीप पटवाल, जिला पंचायत प्रतिनिधि देवराज रावत,पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रदीप बुटोला,भाजपा जिला मंत्री दलीपसिंह नेगी, दीपेंद्र मिंगवाल,सहित भारी संख्या में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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