
Pithoragarh News: पिथौरागढ़। आज विधायक मयूख महर द्वारा प्रेस नोट जारी कर नगर निगम और प्रशासन की कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह उठते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ के केमू स्टेशन में कुछ ही माह पहले शौचालय की मरम्मत हेतु लाखों रुपए का कार्य किया गया था और अब उसी जगह उसको ध्वस्त कर दुबारा से लाखों रुपए का कार्य किया जा रहा है।
मेरा पहला प्रश्न है कि सर्वप्रथम नगर निगम और प्रशासन यह जवाब दे कि आखिर इतने जल्द एक ही जगह में बिल्डिंग तोड़ कर दुबारा सरकारी मद से लाखों रुपए का कार्य करना सरकारी धन की बर्बादी है, जबकि पिथौरागढ़ में बहुत से वार्ड्स के चौराहों में बहुत सी जगह ऐसी है जहां अभी भी शौचालय के लिए लोगों को दूर दूर जाना पड़ता है।
अगर सरकारी धन लगाना ही था तो उन सभी जगहों को चिह्नित कर इस धन को वहां व्यवस्थित रूप से लगा कर शौचालय बनाना चाहिए था ताकि उस जगह के व्यापारियों और आम जन को फायदा मिल सके।
मेरा दूसरा प्रश्न यह है कि केमू स्टेशन का शौचालय स्टेशन के नजदीकी इर्द गिर्द के सैकड़ों व्यापारियों के साथ साथ वहां से रोज सफर कर रहे राह गिरों के लिए सुविधा का कार्य करता था, केमू स्टेशन में रोज सैकड़ों लोग, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे आवाजाही करते हैं और उनको शौचालय की आवश्यकता पड़ती है पर नगर निगम और प्रशासन द्वारा उसको तोड़कर खंडार तो बना दिया गया पर आन जब के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई,
किसी भी भीड़ भाड़ वाले इलाके में शौचालय जैसी अति वास्यकता हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करना ज्यादा आवश्यक था।
एक प्रश्न नगर निगम से यह भी है कि उनके निगम के अंतर्गत 40 वार्ड आते है जिसमें कुछ नए ग्रामीण क्षेत्रों को मिलकर भी निगम में जोड़ा गया था, लेकिन क्या अभी तक उन ग्रामीण जगहों में रास्ते, बिजली, पानी और वहां के लोगों के लिए शौचालय बनाए गए हैं, मुझे तो लगता है कि अभी तक नए जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते, बिजली, पानी और शौचालयों के कार्य उनके बोर्ड में पारित भी नहीं हुए हैं , वह यह भी बताए की क्या निगम केवल नगर के मध्य पुराने कार्यों को ध्वस्त कर दुबारा से उन्हीं में लीपापोती कर पैसे की बंदरबांट करने के लिए बना है।
नगर के व्यापारी और राहगीरों द्वारा भी बार बार इस विषय में नगर निगम और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
नगर निगम और प्रशासन मिलकर जिस तरह से जनता के धन की बंदरबांट कर रहे है वो असहनीय है।
अगर इसपर जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो जन सरोकारों के इस विषय को गंभीरता से उठाया जाएगा ।
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