सिक्किम में 23 दिसंबर को शहीद हुआ, पिथौरागढ़ का लाल पंचतत्व में विलीन
पिथौरागढ़ जिले के जवान रवींद्र सिंह थापा का रविवार को उनके पैतृक गांव पय्यापौड़ी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। थापा के अंतिम संस्कार के दौरान पूरा गांव उमड़ पड़ा।
शुक्रवार को सिक्किम में सेना का एक वाहन गहरी खाई में पलटने से 16 जवानों की मौत हो गई थी। जिसमें उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रवींद्र सिंह थापा (35) पुत्र स्व. भवान सिंह की भी मौत हो गई। पिथौरागढ़ के मूल निवासी रवींद्र सिंह की पत्नी पत्नी कमला देवी, बेटा पीयूष (8) और एक बेटी इशिका (6) पंचायत घर क्षेत्र रामपुर रोड हल्द्वानी में रहते हैं, जबकि उनकी माता और छोटे भाई तहसील धारचूला के बलवा कोट तोक के पय्यापौड़ी गांव में रहते हैं। रवींद्र सिंह के बड़े भाई लोकेंद्र सिंह भी सेना में हैं, जो वर्तमान में गुजरात में तैनात हैं, जबकि उनके छोटे भाई दशरथ थापा लोक निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। उनके चाचा भूपेंद्र सिंह थापा कांग्रेस के ब्लॉक एवं व्यापार संघ के अध्यक्ष हैं। आठ दिसंबर को रवींद्र सिंह थापा अपने चाचा के बेटे की शादी के लिए धारचूला जाने वाले थे, लेकिन उनको यूनिट से तत्काल वापस बुला लिया गया था, जिसके कारण वे हल्द्वानी से ही वापस यूनिट में चले गए थे।हादसे के बाद उनके घर और पैतृक गांव में कोहराम मच गया था और शोक में बाजार को भी कुछ समय के लिए बंद रखा गया था। जिला पंचायत सदस्य जीवन ठाकुर ने बताया कि रवींद्र सिंह काफी मिलनसार थे। जीआईसी पय्यापौड़ी से 12वीं करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे।
रविवार दोपहर साढ़े बारह बजे के बाद थापा का पार्थिव शरीर उनके गांव पय्यांपौड़ी पहुंचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।