मानसी नेगी.. उत्तराखण्ड की ‘गोल्डन गर्ल’
कहते हैं कि कभी हार न मानने की आदत एक दिन बड़ी जीत दिलाती है, और हर सफलता के पीछे कड़ी मेहनत छुपी होती है। गरीबी में पली-बड़ी सीमांत जिले चमोली के मजीठा गांव की रहने वाली 19 साल की मानसी नेगी के अटूट हौसलों ने इन शब्दों को हकीकत का रूप दे दिया। 2016 में हीं मानसी के सर से पिता का साया उठ गया था। जैसे-तैसे खेतों मे मजदूरी कर के मानसी की माँ ने परिवार का पेट पाला। गरीबी के बीच जीवन जीते हुए भी मानसी के मन में कुछ अलग करने का जूनून हमेशा से रहा है।
कई चुनौतियों और कठिन परिस्थितियों मे भी मानसी ने अपना हौसला कभी कमजोर नहीं होने दिया। उत्तराखंड की बेटी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे हर कोई उसपर नाज कर रहा है। उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल ने 10किमी वाल्क रेस में नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मैडल जीता, और इसी के साथ मानसी ने एक नया इतिहास रच दिया।
मानसी के हौसले और जज्बे के सामने हर मुश्किल ने अपने घुटने टेक दिए। मंजबूरी में अपने स्कूल पैदल जाने की आदत ने मानसी को कुछ कर गुजरने का जूनून दिया, और इस जूनून ने उसे गोल्ड मैडल। किसे पता था कि खेतों में प्रेक्टिस करते-करते मानसी एक दिन सबका सीना गर्व से चौड़ा कर देगी। इस छोटी उम्र में मानसी ने ऐसी कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसको जानकर आज हर बेटी प्रेरित हो रही है। 2021 में भी राष्ट्रिय खेल में मानसी ने सिल्वर मैडल जीता था।
यूनिवर्सिटी लेवल कम्पटीशन में भी मानसी ने सिल्वर मैडल अपने नाम किया था। इतना ही नहीं! नेशनल लेवल पर 20 किमी वाल्क रेस में भी गोल्ड मैडल जीता, और जीत की इसी आदत के चलते सफलता अब मानसी के कदम चूम रही है। 10किमी वाल्क रेस में नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर न सिर्फ मन सी ने गोल्ड मैडल जीता है, बल्कि इस बेटी ने देवभूमि का मान भी बढ़ाया।
हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे चैंपियन राज्यों के प्रतिद्वंदियों को मात देते हुए गोल्ड मैडल पर अपना नाम लिखवा दिया। मानसी नेगी ने 10000 मीटर यानि 10 किमी की वाल्क रेस को सिर्फ 47.30 मिनट में पूरा कर लिया, और इसी के साथ नया नेशनल रिकॉर्ड कायम हो गया।
मानसी ने ज़माने की बात की कभी परवाह नहीं की, वो आगे बढ़ती रही और जीत के कदम से अपने कदम मिलाती रही। देवभूमि की इस बेटी ने नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मैडल जीतकर ये साबित कर दिया है, कि सफलता कभी भी उम्र या किसी मज़बूरी की मोहताज नहीं होती। अपनी सफलता के इस रास्ते पर मानसी कभी थकी नहीं, पछताई नहीं, कभी रुकी नहीं।
मानसी के इसी दृढ संकल्प ने आज मानसी को इस मंजिल पर लाया है, कि मानसी के माँ के साथ साथ राज्य के मुख्न्यमंत्री, विपक्ष के नेता समेत हर आम आदमी को मानसी पर गर्व महसूस हो रहा है। मानसी ने उत्तराखंड की बाकि बेटियों में भी उर्जा का नया संचार कर दिया है।
वर्तमान में मानसी महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज एक्सीलेंस विंग की एथलीट हैं। मानसी महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज की एक्सीलेंस विंग के कोच अनूप बिष्ट से प्रशिक्षण ले रही हैं। कड़ी मेहनत और कभी न हार मानने वाले इस इरादे से मानसी बाकि बेटियों में भी उर्जा का संचार कर रही हैं, और आज मानसी के इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है।