त्रिवेंद्र, तीरथ के बयानों से भाजपा असहज, हाईकमान से मिले महेंद्र भट्ट
प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं तीरथ सिंह रावत के हालिया बयानों से सत्ताधारी भाजपा असहज हो गई है। दोनों मुख्यमंत्रियों के बयानों ने विपक्ष को सरकार की घेराबंदी का मौका दे दिया है। ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की है। साथ ही उन्होंने दोनों नेताओं को सार्वजनिक मंच के बजाय पार्टी फोरम में अपनी बात रखेने को कहा है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुकाकात कर दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयानों के बाद के राजनीतिक हालात से उन्हें अवगत कराया। सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा की जा रही सार्वजनिक बयानबाजी से नाराज है।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। इनमें तीरथ सिंह के एक बयान पर ज्यादा बवाल मचा हुआ है जिसमें उन्होंने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता जताई है। एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दौर में जो कमीशनखोरी चलती थी वह राज्य बनने के बाद भी जारी है। तीरथ सिंह रावत के इस बयान ने सीधे तौर पर राज्य गठन से लेकर अब तक की सभी सरकारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। धामी सरकार के लिए उनका यह बयान खासा परेशानी का सबब बन गया है।
तीरथ के बयान के कुछ दिन बाद एक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार को लेकर बयान दे दिया जिसके बाद विपक्ष को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मुद्दा मिल गया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहे कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में देहरादून देश में 9वें स्थान पर था लेकिन आज जो हो रहा है उससे सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों में कुछ गड़बड़ लगती है। त्रिवेंद्र के बयान से पहले देहरादून के दो विधायक विनोद चमोली और खजान दास के साथ ही शहर के मेयर सुनिल उनायाल गामा भी स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर असंतोष जता चुके हैं।