अल्मोड़ा : जानें डोल आश्रम से जुड़े अद्भुत तथ्य, पढ़े पूरी खबर
अल्मोड़ा | डोल आश्रम उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है जिसका पूरा नाम श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल (डोल आश्रम) है। हरे-भरे जंगल और ऊँची पहाड़ी में स्थित डोल आश्रम अत्यंत विशाल और खूबसूरत आश्रम है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर डोल आश्रम में जो भी आता है वे इसकी खूबसूरती देखकर बेहद खुश और शांत महसूस करने लगता है। डोल आश्रम के मुख्य महंत बाबा कल्याण दास है जिनका कहना है डोल आश्रम केवल एक मठ नहीं है बल्कि इसे आध्यात्मिक व साधना का केंद्र भी कहा जा सकता है। डोल आश्रम में देश-विदेश से कई श्रद्धालु आकर यहां ध्यान और साधना किया करते है, यह स्थान साधना और ध्यान करने के लिए बहुत प्रसिद्द माना जाता है।
डोल आश्रम की स्थापना श्री परम योगी कल्याणदासजी द्वारा वर्ष 1990 में की गयी थी। श्री परम योगी कल्याणदासजी का जन्म अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था जिन्होंने अपनी यात्रा के दौरान माता भगवती के दर्शन किए। माँ भगवती के दर्शन के बाद वे डोल आश्रम बनाने के लिए प्रेरित हुए। डोल आश्रम में 126 फुट ऊँचा और 150 मीटर व्यास के श्रीपीठम का निर्माण करवाया गया है जो 2012 से शुरू किया गया तथा 2018 में श्रीपीठम का निर्माण कार्य पूरा हो गया। डोल आश्रम बेहद खूबसूरत और विशाल आश्रम है जहाँ के पीठम में लगभग 500 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते है। डोल आश्रम में श्रीयंत्र की स्थापना की गयी है जिसका वजन लगभग डेढ़ टन (150 कुंतल) है। श्रीयंत्र का निर्माण कार्य 18 अप्रैल 2018 में शुरू करवाया गया था तथा 29 अप्रैल, 2018 में पूरी तरह बन जाने के बाद स्थापना दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया गया था।
डोल आश्रम में जनकल्याण कार्यक्रम करवाए जाते है। डोल आश्रम में 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल बनवाया गया है जहाँ कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी दी जाती है। डोल आश्रम में स्थित स्कूल में बच्चों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाता है और इस विद्यालय में अपनी संस्कृति को माध्यम बनाकर बच्चों को शिक्षा दी जाती है। डोल आश्रम की अधिक जानकारी और इसके वास्तविक दर्शन करने के लिए डोल आश्रम (उत्तराखंड) जरूर आएं।