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जानिए उन 4 विधेयकों के बारे में जिनके लिए बुलाया गया संसद का विशेष सत्र

बुधवार को जारी पार्लियामेंट बुलेटिन के अनुसार 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विदेश सत्र के लिए केंद्र सरकार ने अन्य विधेयकों के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है।

संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होने जा रहा है लेकिन इसके एजेंडे को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावार था । अब बुधवार देर रात जारी पार्लियामेंट बुलेटिन में, केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है। सत्र से पहले सरकार ने 17 सितंबर को सत्र के एजेंडे पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है ।

बुधवार को जारी पार्लियामेंट बुलेटिन के अनुसार सरकार ने विशेष सत्र के लिए सूचीबद्ध सीईसी नियुक्ति बिल समेत 4 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है । इन विधेयकों में चुनाव आयोग की नियुक्तियों, कानूनी संशोधन, प्रेस और आवधिक विनियमों और डाक सेवाओं आदि विधेयक शामिल है।

  1. मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023

एजेंडे में सबसे प्रमुख विधेयकों में से एक है “मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023।” इस विधेयक का उद्देश्य मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यालय की अवधि को विनियमित करना है।

यह विधेयक पारित हो जाने पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इसके अनुसार राष्ट्रपति,  प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल की सिफारिश के आधार पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगे । पैनल में लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे। यह प्रस्तावित पद्धति वर्तमान प्रक्रिया से अलग जिसमें राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश के पैनल की सलाह के आधार पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं।

इस विधेयक पर पहले से ही विवाद खड़ा हो गया है और विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई हैं।

  1. अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023

“अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023” चर्चा के लिए सूचीबद्ध विधेयकों में से एक है । यह विधेयक अधिवक्ताओं से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन करता है और भारत में कानूनी पेशे पर इसके दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। इसे 3 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पारित किया गया था ।

  1. प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023

“प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023” का उद्देश्य पत्रिकाओं और उनके पंजीकरण को विनियमित करना है। इस बिल के अनुसार समाचार पत्र और पत्रिकाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान हो जाएगी और यदि आप अखबार शुरू करना चाहते हैं तो आप जिला कलेक्टर के पास आवेदन कर सकते हैं। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित विभिन्न मीडिया समूहों द्वारा इसकी आलोचना भी हो रही है । सत्र के दौरान विधेयक के प्रावधानों और इसके संभावित प्रभावों को लेकर गहन चर्चा होने की भी उम्मीद है ।

  1. डाकघर विधेयक, 2023

एजेंडे में शामिल अंतिम बिल “डाकघर विधेयक, 2023” है, जो डाक सेवाओं से संबंधित है। हालाँकि इस विधेयक की विशिष्टताओं का खुलासा होना अभी बाकी है, लेकिन यह देश में डाक संचालन और सेवाओं के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस विधेयक के अनुसार डाकघर को पत्र भेजने के साथ-साथ पत्र प्राप्त करने, एकत्र करने,  भेचने और वितरित करने जैसी आकस्मिक सेवाओं के विशेष अधिकार को खत्म किया जाएगा ।

इन विधायी मामलों के अलावा, विशेष सत्र में भारत की संसदीय प्रणाली के पिछले सात दशकों की उपलब्धियों, अनुभवों, यादों और सीखों को दर्शाते हुए “75 वर्षों की संसदीय यात्रा” पर चर्चा भी की जाएगी ।

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