Kedarnath Election: बीजेपी ने जीता केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव
Kedarnath Election: आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को हराया
12 राउंड पूरे
भाजपा- 22331
कांग्रेस- 17440
निर्दलीय (त्रिभुवन सिंह)- 9241
रुद्रप्रयाग: शनिवार 23 नवंबर की सुबह 8 बजे जैसे ही केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई, प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गईं. जैसे ही पहले राउंड की काउंटिंग पूरी हुई, बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने बढ़त बना ली थी. चौंकाने वाली बात ये थी कि पहले राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत तीसरे नंबर पर थे. निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह आश्चर्यजनक ढंग से कांग्रेस प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर ढकेलकर दूसरे नंबर पर चल रहे थे.
भारतीय जनता पार्टी बीजेपी ने उत्तराखंड का केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव जीत लिया है. पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को एकतरफा मुकाबले में हरा दिया. हालांकि अभी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है. आशा की जीत से उत्तराखंड बीजेपी में खुशी की लहर है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रत्याशी की जीत की खुशी में पटाखे फोड़े और मिठाई बांटी.
Kedarnath Election: बीजेपी ने केदारनाथ सीट पर झोंकी थी ताकत:
इसी साल जुलाई में हरिद्वार जिले की मंगलौर और चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते थे. विपक्ष ने बीजेपी की इन हार पर काफी चुटकियां ली थीं. इस बार केंदारनाथ उपचुनाव को बीजेपी और सरकार ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था. चार-चार मंत्रियों के साथ खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार कर रहे थे.
Kedarnath Election: बीजेपी की आशा नौटियाल ने केदारनाथ उपचुनाव जीता
आखिर बीजेपी संगठन और सीएम धामी की मेहनत रंग लाई और पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव जीत लिया है. शनिवार सुबह 8 बजे जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो पहले राउंट की काउंटिंग से ही बीजेपी की आशा नौटियाल ने बढ़त बना ली थी. हर राउंड में उनकी बढ़त बढ़ती चली गई. आखिर में जब 14 राउंड की मतगणना पूरी हुई तो बीजेपी की आशा नौटियाल चुनाव जीत चुकी थीं.
Kedarnath Election:कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को मिली हार:
कांग्रेस को केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भी मंगलौर और बदरीनाथ सीट जैसी उम्मीद थी. उनके सभी दिग्गज नेताओं ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाला था. लेकिन उनकी मेहनत रंग नहीं ला सकी. पार्टी प्रत्याशी मनोज रावत को हार का सामना करना पड़ा.
वर्ष 2007 में भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर सिंह नेगी को पराजित कर विजयश्री हासिल की। वर्ष 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी घोषित हुईं, पर इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया, जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।
कुछ समय बाद आशा नौटियाल की पुन: पार्टी में वापसी हुई और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2022 में पार्टी ने पुन: शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद वह सीधे हाईकमान के संपर्क में आ गईं। इस बार सदस्यता अभियान में भी वह गांव-गांव संपर्क करती दिखीं। विस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
ये भी पढ़ेंः https://voiceofuttarakhand.com/uttarakhand-news-chief-minister-held-review-meeting-of-jal-jeevan-mission/